अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑइल की कीमतें बढ़ने के बाद भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि यूपी, पंजाब समेत 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत में आग लग सकती है। पिछले कई सालों से केंद्र सरकार के बजाय सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव्स को तय करती हैं। यूपी में अभी 2 चरणों की वोटिंग बाकी है। 7 मार्च को जहां आखिरी चरण का मतदान है तो वहीं 10 मार्च को चुनावी नतीजे आ जाएंगे।
पेट्रोल-डीजल के दामों पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि दरअसल विधानसभा चुनावों की वजह से ही तेल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है। हालांकि यूं तो कहा जाता है कि तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तेल के भाव तय करती हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि जब किसी राज्य के चुनाव चल रहे होते हैं तो आमतौर पर पेट्रोल-डीजल के भाव नहीं बढ़ते। चुनाव के बाद फिर से कीमतों में बदलाव होने लगता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स आशंका जता रहे हैं कि इस बार भी चुनावी नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ सकते हैं।