अम्बिकापुर। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सीएसआर कार्यक्रम के तहत पशुपालकों को उनके पशुओं के पौष्टिक आहार के लिए प्रेरित करने और विशेष रूप से गायों के लिए संतुलित चारा तैयार करने के उद्देश्य से गत सप्ताह 3 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। अदाणी फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह शिविर ग्राम परसा और फतेहपुर में लगाया गया। जहाँ दोनो ग्रामों के लगभग 40 से अधिक पशुपालकों ने हिस्सा लिया। क्योंकि उन्हें पता है कि पशुओं को स्वस्थ रखने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार और हरा चारा अति आवश्यक है। इस प्रशिक्षण शिविर में परसा ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा ग्राम स्तर पर हरा चारा उपलब्ध कराने तथा गांव के किसानों को हरा चारा यानि नेपियर घास की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया। साथ ही पशुओं के लिए पौष्टिक आहार तैयार करने के विभिन्न तरीकों का प्रदर्शन भी किया गया।
ग्राम पंचायत परसा के सरपंच झल्लूराम ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहा, “अदाणी फाउंडेशन, परियोजना अन्नपूर्णा और गोकुलधाम के माध्यम से पशु विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है।” वहीं प्रशिक्षण प्राप्त पशुपालक बताए गए विधियों को सीखकर काफी संतुष्ट नजर आए। उन्होंने माना कि पशुओं को पौष्टिक आहार देकर ही अधिक उत्पादन लिया जा सकता है और पशुपालन को अधिक प्रभावी एवं मुनाफा देने वाला बनाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है,कि छत्तीसगढ़ राज्य एवं केंद्र की पशुधन विकास योजना के अन्तर्गत किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से पशुओं के लिए पोषित आहार तैयार कराने का प्रशिक्षण अदाणी फाउंडेशन का एक अनुकरणीय प्रयास है।
अदाणी फाउंडेशन के बारे में-
1996 में स्थापित, अदाणी फाउंडेशन वर्तमान में 18 राज्यों में सक्रिय है, जिसमें देश भर के 2250 गाँव और कस्बे शामिल हैं। फाउंडेशन के पास प्रोफेशनल लोगों की टीम है, जो नवाचार, जन भागीदारी और सहयोग की भावना के साथ काम करती है। वार्षिक रूप से 3.2 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हुए अदाणी फाउंडेशन चार प्रमुख क्षेत्रों- शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और बुनियादी ढा़ंचे के विकास, पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामाजिक पूंजी बनाने की दिशा में काम करता है। अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण और शहरी समुदायों के समावेशी विकास और टिकाऊ प्रगति के लिए कार्य करता है, और इस तरह, राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देता है।