दिल्ली के पश्चिम विहार में सेक्सटॉर्शन का एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता से 3 लाख रुपये सेक्सटॉर्शन के नाम पर मांगे जा रहे हैं। शिकायतकर्ता ने डेढ़ लाख रुपये कैश के जरिए और बाकी के डेढ़ लाख बैंक के अकाउंट से ट्रांसफर भी कर दिए थे।
यह शिकायत जब दिल्ली पुलिस को मिली तो दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर सीताराम, सब इंस्पेक्टर मनीष और एसीपी अरविंद कुमार की टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
जानकारी में पता चला कि आरोपी पश्चिम विहार इलाके में किराए के फ्लैट में रहकर इस तरह के सेक्सटॉर्शन रैकेट को चला रहे हैं। टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से पता चला कि इस गैंग को बहादुरगढ़ का रहने वाला शख्स नीरज चला रहा है। इस गैंग ने पश्चिम विहार में एक फ्लैट किराए पर ले रखा था।
पुलिस ने नीरज की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया और उसे प्रशांत विहार से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में नीरज ने खुलासा किया कि उसका गैंग भोले-भाले लोगों को हनीट्रैप में फंसाता है और फ्लैट पर बुलाकर उनका वीडियो बना लिया जाता है। इस अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की जाती है।
इस गैंग में एक लड़की भी शामिल है जो हनीट्रैप के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाती है। नीरज ने खुलासा किया कि उसके गैंग में 5 सदस्य हैं। वह अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। हर एक शिकार से पांच से 10 लाख वसूले जाते थे। यह गैंग लॉकडाउन यानी कोरोना की पहली लहर शुरू होते ही शुरू कर दिया गया था।
आरोपी फेसबुक के जरिए लड़की से प्रोफाइल प्रोफाइल बनवाते थे और फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर अपना शिकार बनाते थे। कई बार जब लड़की और इनका शिकार कमरे में होता था तो इस गैंग के लोग पुलिसकर्मी बनकर भी अंदर दाखिल हो जाते थे और फिर शुरू होता था ब्लैकमलिंग का खेल। पुलिस के इस गैंग से जुड़े हुए बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।
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