आमतौर पर बंदरों को सामने आता देख लोग खाने-पीने की चीज़ें छिपाने लगते हैं। उछल-कूद करने वाला ये जानवर अगर हाथ में कोई फल देख ले तो झपटकर ले जाता है, क्योंकि इंसानों की ही तरह ही इसे भी ये चीज़ें बहुत अच्छी लगती हैं। थाइलैंड के लोगों को बंदरों की ये आदत पता है और वे साल में एक दिन उन्हें पेटभर फल और सब्जियां खाने को देते हैं। उनके लिए खास दावत का आयोजन किया जाता है।
थाइलैंड में इसे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बंदरों के लिए भारी मात्रा में फल और सब्जियां इकट्ठा करके एक जगह सजाए जाते हैं और उन्हें खाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। बंदर भी इस रीति-रिवाज़ भली तरह परिचित हैं। वे खूब मज़े से आकर पेटभर फल और सब्जियां खाते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्थानीय लोग इस फेस्टिवल के लिए फल और सब्जियां खुद ही दान में देते हैं।
2 टन फल-सब्जियों की दावत
बंदरों की दावत देने का ये त्योहार थाइलैंड के लोपबरी में आयोजित किया जाता है। इसके लिए स्थानीय लोग फल और सब्जियां दान देते हैं। लगभग 2000 किलो यानि 2 टन फलों को बंदरों के लिए रखा जाता है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे त्यौहार में तकरीब ढाई लाख का खर्च आता है। यहां के लोगों का कहना है कि बंदर उनके पूर्वज हैं और वे इस तरह की दावत से बंदरों के प्रति अपनी कृतज्ञता का प्रदर्शन करते हैं। दूर-दूर से लोग इस अनोखी दावत को देखने के लिए यहां आते हैं।
लोपबरी के बंदरों की च्वाइस भी सस्ती नहीं है, उन्हें पाइएप्पल, केले और आम जैसे फल ज्यादा पसंद हैं। जब वे इन फलों को खाते हैं तो पूरे इलाके में इसकी गंध फैल जाती है। महामारी की वजह से पिछले साल ये फेस्टिवल आयोजित नहीं हो पाया था लेकिन इस साल बंदरों के लिए इस त्योहार को दोगुने उत्साह से मनाया जा रहा है। त्योहार का थीम व्हीलचेयर मकीज़ रखा गया है। डेली स्टार से बात करते हुए त्योहार के आयोजक योंगयुथ ने बताया कि 100 व्हीलचेयर्स इस बार डोनेट की गई हैं। पिछले डेढ़ साल से सैलानियों की संख्या कम होने के बाद अब ज़िंदगी पटरी पर लौट रही है, ऐसे में लाखों सैलानियों को थाइलैंड का कल्चर दिखाया जा रहा है।