दक्षिण अफ्रीका से महाराष्ट्र पहुंचा एक शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। अधिकारियों ने व्यक्ति में कोविड-19 के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ओमिक्रॉन वेरिएंट के सबसे पहले मामले की पुष्टि दक्षिण अफ्रीका में ही हुई थी। देश ने 24 नवंबर को कोरोना के इस नए स्वरूप के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को जानकारी दी थी। हाल ही में भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए नियम भी जारी किए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कल्याण डोम्बिवली नगर निगम की डॉक्टर प्रतिभा पनपाटिल ने बताया, ‘दक्षिण अफ्रीका से डोम्बिवली लौटने वाला एक व्यक्ति कोविड पॉजिटिव पाया गया है। यह पता करने के लिए कि वह ‘ओमिक्रॉन’ पॉजिटिव है या नहीं, उसके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं।’ इसके बाद अधिकारी व्यक्ति के परिवार की भी कोविड जांच करने की तैयारी कर रहे हैं।
डॉक्टर पनपाटिल ने बताया, ‘उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से दिल्ली और दिल्ली से मुंबई यात्रा की थी। उन्हें नगर निगम के आइसोलेशन रूम में रखा गया है। उनके भाई की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. बाकी परिवार की आज जांच की जानी है।’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से लौटन के बाद शख्स किसी के भी संपर्क में नहीं आया है।
कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ को लेकर बढ़ती चिंता के बीच केंद्र ने रविवार को‘जोखिम’ श्रेणी वाले देशों से आने वाले या उन देशों से होकर भारत पहुंचने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी है। साथ ही तब तक यात्री को हवाई अड्डा छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक नमूने की जांच के नतीजे प्राप्त नहीं हो जाते। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में यह जानकारी दी गई।
मंत्रालय ने कहा कि ‘जोखिम’ श्रेणी वाले देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले लोगों को हवाई अड्डे से जाने की अनुमति रहेगी, हालांकि ऐसे यात्रियों को भी 14 दिन तक स्वयं अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी।
मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से पांच फीसदी की जांच की जाएगी और संबंधित विमानन कंपनी को प्रत्येक उड़ान से आने वाले उन पांच फीसदी लोगों की पहचान करनी होगी, जिनका परीक्षण किया जाना चाहिए। हालांकि, इनके नमूने की जांच का खर्च मंत्रालय वहन करेगा। मंत्रालय ने कहा कि वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप को ध्यान में रखते हुए मौजूदा दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है।