कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे झारखंड में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। शत-प्रतिशत कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन तक की ओर से नए-नए उपाय किए जा रहे हैं। इस बीच, राज्य की उपराजधानी दुमका से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जिले के शिकारीपाड़ा स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोविड-19 टीका का पहला डोज लेने के बाद एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने लिखित तौर पर इसकी पुष्टि की है कि प्रेग्नेंट महिला कोरोना टीका का पहला डोज लेने के बाद बीमार हो गई थीं। अब इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गई है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना टीका का पहला डोज लेने के बाद गर्भवती महिला की मौत का मामला दुमका जिला के शिकारीपाड़ा स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर का है। यहां कोलाबाड़ी की 30 वर्षीय महिला दुलाड़ मरांडी को टीके का पहला डोज दिया गया था। दुलाड़ मरांडी ने इलाज के दौरान 18 नवंबर को दम तोड़ दिया था। प्रेग्नेंट महिला को बीते 17 नवंबर को टीके की पहली डोज लगाई गई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी ने लिखित रूप से बीमार होने का कारण कोरोना टीका का पहला डोज बताया है। फिलहाल महिला की मौत की जांच के लिए सिविल सर्जन बच्चा प्रसाद सिंह ने दो सदस्यीय टीम गठित की है।
महिला दुलाड़ मरांडी 9 माह की गर्भवती थीं। उनकी मौत के साथ ही उनके कोख में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। उनके पति जोतिन मुर्मू ने शिकारीपाड़ा के बीडीओ को आवेदन देकर जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि सीएचसी में उनकी पत्नी को कोरोना का पहला टीका दिया गया था। इसके बाद शाम को उन्हें बेचैनी होने लगी। रात करीब 12 बजे वह पत्नी को लेकर सामुदायिक केंद्र पहुंचे थे। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला को तुरंत मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। अगले दिन शाम आठ बजे महिला और उसके गर्भ में पल रहे भ्रुण की मौत हो गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल को महिला का बीएसटी भेजा है। इसमें बीमारी का कारण टीका का साइड इफेक्ट और कमजोरी बताया है। मौत के बाद डॉक्टरों ने महिला के पति को प्रमाणपत्र देकर घर भेज दिया। सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।