बिहार के मधुबनी में एक पत्रकार और सूचना का अधिकार (RTI) कार्यकर्ता की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 22 वर्षीय बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा चार दिन से लापता था और शुक्रवार सुबह उसका जला हुआ शव एक सड़क के किनारे बरामद हुआ।अविनाश ने अपने काम के जरिए इलाके में चल रहे कई फर्जी मेडिकल क्लिनिक का पर्दाफाश किया था और इसके कारण उसे कई दिन से धमकी मिल रही थीं।मामला
एक लोकल न्यूज पोर्टल के साथ काम करने वाले अविनाश को आखिरी बार मंगलवार रात लगभग 10 बजे बेनीपट्टी के लोहिया चौक स्थित उसके घर के पास देखा गया था। CCTV फुटेज में उसे रात 9 बजे घर से बाहर आते हुए और फोन पर बात करते हुए मुख्य सड़क और क्लिनिक के आसपास घूमते हुए देखा जा सकता है। फुटेज में आखिरी बार उसे रात 9:58 बजे 400 मीटर दूर बेनीपट्टी थाने के पास से गुजरते हुए देखा गया।खोज
अगली सुबह जब परिजनों ने अविनाश को घर पर नहीं पाया तो उन्होंने उसकी खोजबीन शुरू की। उन्हें उसकी बाइक घर पर ही मिली और उसका क्लिनिक और लैपटॉप भी खुले हुए थे।ये देखकर उन्होंने मान लिया कि अविनाश सुबह जल्दी किसी काम से निकल गया है और जल्द घर वापस आ जाएगा।लेकिन जब वह शाम तक घर नहीं आया तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।जांच
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने अविनाश की आखिरी मोबाइल लोकेशन निकाली जो उसके घर से पांच किलोमीटर दूर स्थित बेतौना गांव में मिली। हालांकि इसके बाद पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।कई दिन की खोज के बाद शुक्रवार शाम अविनाश के चचेरे भाई विकास के नंबर पर उड़ेन गांव के एक शख्स का फोन आया और उसने गांव के पास हाईवे के किनारे एक लाश मिलने की बात कही।जानकारी
जब परिजन मौके पर पहुंचे तो हाथ की अंगूठी, पैर पर मस्से के निशान और गले मे चेन की मदद से अविनाश के शव की शिनाख्त की। उसके शव को जलाकर सड़क किनारे फेंका गया था। शनिवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।संभावित कारण
अविनाश के साथियों ने बताया कि अविनाश अपने काम के जरिए कई फर्जी मेडिकल क्लिनिकों को बंद करा चुका था और कईयों पर भारी आर्थिक जुर्माना लगवा चुका था।15 नवंबर को वह एक बार फिर से कई क्लिनिक्स के खिलाफ मुहिम चलाने वाला था और उसने 7 नवंबर को इन क्लीनिक्स के नाम फेसबुक पर शेयर किए थे।हालांकि इससे पहले 9 नवंबर को ही वह गायब हो गया। दोनों का आपस में संबंध होने की आशंका है।विवाद
अविनाश और मेडिकल क्लिनिक्स के बीच विवाद की जड़ें काफी पुरानी हैं। दरअसल, 2019 में अविनाश ने बेनीपट्टी में खुद का नर्सिंग होम खोला था, हालांकि प्रतिद्वंद्वियों ने उसके नर्सिंग होम में साजिशन हंगामा करा दिया जिसके बाद अविनाश को इसे बंद करना पड़ा।इसके बाद से ही वह फर्जी क्लिनिक्स के पीछे पड़ा हुआ था और RTI लगा कर उनके खिलाफ कार्रवाई करा रहा था। इस बीच उसे कई बार जानलेवा धमकी और लाखों रुपये का प्रलोभन भी मिला।