भोपाल। मध्य प्रदेश में इस महीने के अंत में एक लोकसभा एवं जोबट सहित तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को करारा झटका देते हुए जोबट सीट से पूर्व विधायक सुलोचना रावत कांग्रेस छोड़कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गई हैं। रावत आदिवासी नेता हैं और वर्ष 2002-03 में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुकीं हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, “केंद्र एवं प्रदेश सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं से प्रभावित होकर शनिवार देर रात सुलोचना रावत एवं उनके पुत्र एवं युवा नेता विशाल रावत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा परिवार में उनका स्वागत है।”
मध्य प्रदेश की खंडवा लोकसभा एवं तीन विधानसभा सीटों जोबट, पृथ्वीपुर एवं रैगांव पर होने वाले उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा और दो नवंबर को मतों की गिनती होगी। 1998 और 2008 में दो बार जोबट (अनुसूचित जनजाति) विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाली सुलोचना रावत को इस सीट से पार्टी का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था।
वह वर्ष 2002-03 में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार में नर्मदा घाटी एवं विकास राज्य मंत्री भी रहीं हैं। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जफर ने आरोप लगाया कि रावत का पार्टी को नुकसान पहुंचाने का इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा, “हमारे सर्वेक्षण में पाया गया कि उन्हें पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मतदाताओं द्वारा पसंद नहीं किया गया। हैरानी की बात यह है कि काडर आधारित पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा को अपना नेता नहीं मिला, जिसे वहां से मैदान में उतारा जा सके।” अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा रावत को जोबट सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है। कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन के कारण यह सीट रिक्त हुई है।