लखनऊ। यूपी के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से एक महिला को कुछ ही समय के अंतराल में दो टीके लगा दिए गए। इससे महिला की हालत बिगड़ गई। भुक्तभोगी महिला का आरोप है कि वह कुर्सी से उठी भी नहीं थी कि थोड़ी देर में उसे दूसरा टीका लगा दिया गया। महिला की हालत बिगड़ते ही उसका पति उसे लेकर सीएचसी लेकर पहुंचा जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
सीएचसी क्षेत्र के कैर गांव में बीते शुक्रवार की शाम कैर गांव में टीकाकरण करने गई वैक्सीनेटर गीता वर्मा एवं सत्यापन करता अविनाश की प्राथमिक विद्यालय में ड्यूटी लगी थी। विभाग द्वारा 15 वायल उपलब्ध कराए गए थे। इसमें एक वायल यानी 10 डोज बच गई है।
कैर गांव की भुक्तभोगी महिला केशवती का आरोप है कि शुक्रवार की शाम जब वह टीका लगवाने गई तो उसे एक साथ कुछ ही समय के अंतराल में दो टीके लगा दिए गए। शनिवार को हालत बिगड़ने पर वह अपने पति के साथ इलाज कराने आई। भुक्तभोगी महिला ने बताया कि जब वह कोरोना का टीका लगवाने प्राथमिक स्कूल गई तो पहले एक हाथ में फिर दूसरे हाथ में टीका लगा दिया।
महिला ने बताया कि कुछ देर तक वह कुछ समझ ही नहीं पाई। उसने बताया कि टीका लगवाने के बाद से ही वह बीमार है। सीएचसी इलाज कराने आई है और उसे चक्कर आ रहा है। महिला का कहना है कि कोरोना के दो टीके लगाने से उसकी यह हालत हुई है। डॉक्टर पीके श्रीवास्तव द्वारा उसका इलाज कर रहे हैं।
सीएचसी अधीक्षक डॉ राधाकृष्णन ने बताया कि भुक्तभोगी महिला का आरोप निराधार है उसे सिंगल डोज ही लगाई गई है। यह पूछने पर कि क्या वह गलत बोल रही है पर उनका कहना था कि उसकी हालत गड़बड़ नहीं है और पल्स ठीक चल रही है। इलाज किया जा रहा है उसे एंग्जाइटी है।