सूरजपुर
सूरजपुर के विश्रामपुर में डीएवी स्कूल के पूर्व शिक्षक की मौत नें स्कूल प्रबंधन को कटघडे में खडा कर दिया है। शिक्षक के मौत के लिए परिजनो और सहकर्मीयों ने डीएवी प्रबंधन पर प्रताड़तना का अरोप लगाया है । परिजनो और उनको जानने वालो का कहना है कि उन्हें डीएवी के पूर्व प्राचार्य राजशेखर पाॅलिवाल ने एसईसीएल के अधिकारी के साथ मिलकर उन्हें डीएवी स्कूल से बर्खास्त कराया था । मृतक व्ही0पी0 शास्त्री विश्रामपुर डीएवी स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे । लेकिन चार साल पूर्व डीएवी के उस समय के प्राचार्य राजशेखर पाॅलीवाल ने स्थानीय एसईसीएल के अधिकारीयो से मिलकर श्री शास्त्री को बाहर का रास्ता दिखा दिया था ।
बर्खास्तगी के बाद ही शास्त्री ने हार ना मानकर पुनः नियुक्ति के लिए दौड़ लगाना जारी रखा । लिहाजा प्रबंधन ने तीन बार उनके नियुक्ति के लिए तीन बार प्रस्ताव और अनुशंसा की । लेकिन स्थानीय अधिकारी और उस समय के प्राचार्य की हठधर्मिता के कारण श्री शास्त्री को नियुक्ति नहीं दी गई। लम्बे समय से बेरोजगार और आय का दूसरा कोई और श्रोत न होने के कारण शास्त्री की आर्थिक और मानषिक स्थिती बहुत खराब हो गई थी । वे अपनी भांजियो के भरोसे किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे थे ।
सहकर्मी और परिजन बताते हैं की उन्होंने डीएव्ही स्कुल केा 27 साल दिये लेकिन उनके साथ स्कुल प्रबंधन ने दुश्मनो जैसा बर्ताव किया । श्री शास्त्री की माली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी मौत दो नवम्बर को अम्बिकापुर के मिशन अस्पताल में हो गई थी । लेकिन पैसे के अभाव उनका शव 5 नवंबर को ले जाया गया और अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की गई । श्री शास्त्री के मौत के बाद परिवार और सहकर्मी पुरजोर तरीके से ये आवाज उठा रहे है कि शास्त्री जी की मौत पैसे की तंगी और डीएव्ही के प्रताड़ना के कारण हूई है । अब इस रहस्यमयी मौत के बाद उनको चाहने और जानने वाले लोग उनको न्याय दिनाने के लिए कानून की मदद लेने की भी बात कह रहे हैं । लेकिन डीएवी स्कूल प्रबंधन उनकी मौत पर तमाशबीन बना हुआ है।