सीतापुर(अनिल उपाध्याय)। सहकारी समिति में यूरिया खाद के साथ गोबर खाद थोपे जाने से नाराज किसान एसडीएम कार्यालय पहुँचे जहाँ उन्होंने पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रभात खलखो एवं मंडल अध्यक्ष श्रवण दास के नेतृत्व में एसडीएम को ज्ञापन सौंप गोबर खाद लेने की बाध्यता खतम करने की माँग की।यूरिया के साथ जबरिया गोबर खाद थोपे जाने से नाराज किसानों का कहना है।
अभी के बजाए कृषि कार्य के आरंभ में गोबर खाद मिला होता तो किसान उसका सही उपयोग करता अब तो फसलों को केवल यूरिया की जरूरत है।यह सब जानते हुए भी शासन-प्रशासन किसानों की मजबूरी का नाजायज फायदा उठा रही है बेवजह गोबर खाद हम पर थोप रही है जो उचित नही है।मौजूदा स्थिति में गोबर खाद किसानों के किसी काम का नही है ये मात्र कचरा बनकर रह जायेगा इसलिये किसान असमय गोबर खाद थोपे जाने का विरोध करती है।
विदित हो कि इन दिनों किसान मौसम का मिजाज देखते हुए खेती किसानी में युद्धस्तर पर भिड़ा हुआ है।खेतो में रोपाई भी लगभग खत्म होने को है।ऐसी स्थिति में किसान को यूरिया की किल्लत काफी परेशान कर रही है।खेती के शुरुआती दौर से जो यूरिया की कमी बनी हुई है उसे आज तक दूर नही किया जा सका है।रोपाई लगभग पूरी हो चुकी है अब उसमे यूरिया छिड़काव की जरूरत है।
ऐसी स्थिति में यूरिया की किल्लत झेल रहा किसान जब समिति में यूरिया लेने जाता है तो उसे साथ मे गोबर खाद लेने हेतु दबाव बनाया जाता है।दरअसल गोबर खाद की जरूरत खेतो की जोताई और धान बोआई के समय होती है रोपाई होने के बाद गोबर खाद के बजाए यूरिया की ज्यादा जरूरत होती है।
ऐसी स्थिति में रोपाई कर चुके ग्राम देवगढ़ के किसान समिति में जब यूरिया लेने पहुँचे तो उन्हें गोबर खाद लेने हेतु दबाव बनाया गया।जिससे नाराज किसान एसडीएम कार्यालय जा पहुँचे और भाजपा नेता प्रभात खलखो एवं मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में एसडीएम को ज्ञापन सौंप गोबर खाद की बाध्यता खत्म करने की माँग की।
इस संबंध में भाजपा नेता प्रभात खलखो ने खाद्यमंत्री पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के कद्दावर खाद्यमंत्री अमरजीत भगत का क्षेत्र है जहाँ के किसान यूरिया खाद के लिए संघर्ष कर रहे है।
एक समय था जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब किसान बड़ा खुशहाल था उसे इफको यूरिया जैसी खादों के लिए इतनी किल्लत झेलनी नही पड़ती थी।आज काँग्रेस की सरकार में सबसे ज्यादा कोई अगर परेशान और बेहाल है तो वो किसान है।
इस संबंध में एसडीएम दीपिका नेताम ने कहा कि किसानों की अपनी पसंद है उन्हें जो खाद लेना है ले सकते है। उनपर किसी प्रकार का कोई दबाव नही है।