अम्बिकापुर. छत्तीसगढ खाद्य आयोग के अध्यक्ष के परिवार के लोगो पर मारपीट और गुण्डागर्दी करने का आरोप लगा है. अम्बिकापुर के अंतराज्जीय बस स्टैंड मे आयोग के अध्यक्ष के बस मालिक सदस्यो ने जमकर कहर बरपाया है. और दूसरे शहर की एक बस कंपनी के ड्रायवर और उसके स्थानिय एजेंट के साथ मारपीट करते हुए जान से मारने धमकी दी है. जिसके बाद मामले मे पीडित ने विशेष थाना मे मामला दर्ज करा दिया है. और पुलिस पूरे मामले की जांच मे जुट गई है.
पिछले कुछ महीनो से अम्बिकापुर शहर असमाजिक तत्वो का मजफूज ठिकाना बनते जा रहा है. इससे शहर का बस स्टैंड भी अछूता नहीं रहा है. दरअसल आज मध्यप्रदेश के शहडोल की प्रयागराज नामक बस कंपनी की एक बस लेकर कंपनी का ड्रायवर अम्बिकापुर बस स्टैंड पहुंचा. जिसको हाईकोर्ट से मनेन्द्रगढ और शहडोल के रास्ते रीवा तक बस संचालन की अनुमित मिली है. इधर इस बात की खबर उसके बाद मनेन्द्रगढ के रास्ते पेण्ड्रा तक जाने वाली डालफिन बस के संचालक हनी बाबरा और मनराज बाबरा को हुई. फिर मनराज बाबरा ने उनको बस समेत अपने रिंग रोड स्थित निवास पर बुलवाया. जहां बुलाने के बाद प्रयागराज बस के ड्रायवर और बस के स्थानिय ऐजेंट का ये आरोप है कि वहां पर उनके साथ बंदूख के बट से मारपीट की गई और बस के संचालन नहीं करने की धमकी दी गई. इतना ही नहीं अम्बिकापुर से बस संचालन करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई .
मारपीट के शिकार ड्रायवर और एजेंट जब वापस बस स्टैंड पहुंचे. तो इस घटना को लेकर उनके साथ बस ऐजेंट संघ के लोग भी डालफिन बस के संचालक के खिलाफ लामबंद हो गए. जिसके बाद बस ऐजेंट रंजीत सोनकर ने मामले की शिकायत शहर के विशेष थाना मे दर्ज करा दी है. इधर इस घटना के दौरान काफी देर तक बस स्टैंड मे बस मालिको औऱ बस ऐजेंटो का जमावडा लगा रहा. वहीं बस स्टैंड सहायता केन्द्र के प्रभारी राकेश सिंह के मुताबिक अभी दोनो पक्षो का बयान दर्ज नहीं किया जा सका है. दोनो पक्षो का बयान दर्ज आगे की कार्यवाही की जाएगी.
दरअसल प्राप्त जानकारी के मुताबिक पूरा मामला बस संचालन के टाईमिंग को लेकर है. चूंकि शहडोल के मालिक की प्रयागराज बस सुपरफास्ट बस हैं. लेकिन डालफिन बस लोकल सवारियां लेकर मनेन्द्रगढ पेण्ड्रा तक जाती है. ऐसे मे अगर उसी टाईमिंग के आसपास अगर कोई सुपरफास्ट बस चलेगी. तो फिर लोकल बस मे सवारी कम यात्रा करेगी. लिहाजा इस बात को लेकर शुरु हुआ विवाद राई का पहाड बन गया औऱ फिर स्थानिय डालफिन बस के संचालक ने इसे अपने रसूक का सवाल बना लिया.