पुरातन धर्म और संस्कृति के परिचायक देवालयों को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अगर उसकी सुरक्षा करने वाले ही उन पर अपनी नियत बिगाड़ लें तो आखिर इतिहास का संरक्षण और सुरक्षा कैसे होगी। ऐसा ही एक मामला सामने आया है छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में, जहां पर कोमाखान राजघराने द्वारा बनाए गए 163 साल पुराने मंदिर से भगवान के मुकुट की चोरी कर ली गई है। पुराने ऐतिहासिक महत्व के मुकुट की चोरी का आरोप मंदिर के महंत पर ही लगा है, जो 14 सालों से मंदिर की जिम्मेदारी संभाल रहा था।
महासमुंद जिले के बागबाहरा विकासखंड में स्थित, कोमाखान राजमहल परिसर के राधाकृष्ण मंदिर और भगवान जगन्नाथ मंदिर से करीब 163 साल पुराने ऐतिहासिक महत्व के पांच किलो वजनी चांदी के पांच मुकुटों की चोरी हो गई है। राज परिवार के थियेंन्द्र प्रताप सिंह ने मामले को लेकर कोमाखान थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने इसका आरोप मंदिर के देखरेख करने वाले महंत पर ही लगाया है. उन्होंने बताया कि मुकुट उनके पूर्वजों ने सन 1858 में बनवाए थे। मुकुट की कीमत करीब साढ़े तीन लाख बताई गई है। यह भी बताया गया है कि महंत ने 2012-13 में एक बार चांदी के मुकुटों को खरियार रोड में गिरवी रख दिया था। पता चलने और दबाव बनाने पर मुकुट लाया गया था। दीपक दास महंत को मंदिर की जिम्मेदारी 2008 में दी गई थी।
पुलिस ने किया मामला दर्ज
मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि राजपरिवार की ओर से महंत दीपक दास पर चोरी का मामला दर्ज कराया गया है। कोरोना काल के दौरान मंदिर में पदाधिकारियों का आना जाना बंद हो गया था। रथयात्रा भी नहीं निकली थी, मुकुट पर ध्यान नहीं गया। 2021 के रथयात्रा के लिए बैठक की गई उस वक्त महंत से मुकुट के बारे में पूछताछ किया गया, लेकिन गोलमोल जवाब दिया तब मामले का पता चला। महंत के द्वारा एक बार पहले भी मुकुट को गायब किया जा चूका है।
कोमाखान रियासत का इतिहास सदियों पुरानी है जिसे सहेजने आज भी प्रयास किया जा रहा है। इनमें से एक यहां स्थित भगवान राधा कृष्ण और जगन्नाथ का मंदिर है। इसके प्रति रियासत के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। पुलिस ने मंदिर में पूजापाठ और देखरेख करने वाले महंत दीपक दास पर अमानत में खयानत का अपराध दर्ज किया गया है।