मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कैंसर से जूझ रहीं बुजुर्ग महिला ने बैंक प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि बैंक प्रबंधन ने उन्हें जानकारी दिए बगैर उनका लॉकर किसी और ग्राहक को दे दिया। इतना ही नहीं लॉकर में रखे उनके लाखों रुपये के जेवर व अन्य सामग्री भी गायब कर दी गई। बैंक की इस लापरवाही कारण सदमे में आईं महिला की सेहत पर विपरीत असर पड़ा है। स्वजन के माध्यम से उन्होंने बैंक प्रबंधन के खिलाफ ग्वारीघाट थाना में शिकायत की है। पुलिस ने मामले को जांच में लिया है।
इस मामले में पीड़ित महिला की बहू ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा की आदर्श नगर शाखा में संयुक्त खाता खुलवाया था। जिसके आधार पर उन्होंने 2013 में बैंक से लॉकर किराए पर लिया था। लाॅकर का संचालन वह तथा उनकी सास संयुक्त रूप से करती थीं। सास आशा लता कुछ साल पहले कैंसर की चपेट में आ गईं। उपचार प्रक्रिया में व्यस्तता के कारण वे तथा सास लॉकर में सामान रखने अथवा निकालने के लिए बैंक नहीं जा पाईं। 17 जुलाई को वे लॉकर में सामान रखने के लिए बैंक पहुंची तो वह किसी और को आवंटित हो चुका था। जो चाबी बैंक ने उन्हें दी थी उससे लॉकर न खुलने के कारण इस हकीकत का पता चल पाया।
उन्होंने बताया कि बैंक लॉकर जनवरी 2019 में तोड़ा गया था। उनका लॉकर नियम विरुद्ध तरीके से दूसरे को आवंटित कर दिया गया। दस्तावेजों से पता चलता है कि लॉकर किसी और को देने के लिए बैंक द्वारा लगातार झूठ बोला गया। पासवर्ड बनाने वाली कंपनी को भी लॉकर तोड़ने के लिए मेल पर गलत संदेश भेजा गया था। उन्होंने कहा कि लाखों के जेवर हड़पने की नीयत से यह सब बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया है।