छत्तीसगढ शासन ने डिलीवरी के दौरान कोविड का जोखिम कम करने के लिए ने अब हर गर्भवती महिलाओं का कोवैक्सीनेशन अनिवार्य रूप से करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत हर गर्भवती महिला की सूची तैयार कर उनके टीकाकरण की व्यवस्था की जाए। वहीं कोविड विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण का खतरा गर्भवती महिलाओं को भी है।
जिसको लेकर काउंसलिंग प्रेगनेंट वीमेन फार कोविड 19 वैक्सीन गाइडबुक भी जारी किए गए है। वही अब डिलीवरी के दौरान कोरोना के जोखिम को कम करने के लिए सभी गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत अब जिले में वैक्सीन पहुंचने के साथ ही हर गर्भवती महिला को प्राथमिकता के साथ टीका लगाया जा सकेगा।
शासन द्वारा गाइड-लाइन में बताया गया है कि अधिकतर गर्भवती महिलाओं में ए सिम्टोमेटिक या हल्के लक्षण दिख सकते हैं। हल्के लक्षणों के बावजूद संक्रमण से उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। यह गर्भस्थ शिशु की सेहत पर असर डाल सकता है। इस तरह की हो सकती है परेशानी – प्रसव काल में अस्पताल में रहने के दौरान कोरोना संक्रमित होने की आशंका रहेगी। – नवजात के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। – यदि संक्रमित हो गई तो जच्चा-बच्चा दोनों हाईरिस्क में आ जाएंगे। – कोरोना होने के बाद कमजोर शरीर होने से प्रसव में दिक्कत हो सकती है। अलग से रहेगी व्यवस्था गर्भवतियों के टीकाकरण के लिए अलग से व्यवस्था हर केंद्र में मिलेगी। गर्भवतियों के पहुंचने पर प्राथमिकता के साथ पहले टीका लगाया जाएगा। इन्हें टीका लगाने के लिए सूची तैयार कर मितानिनों व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।