बलरामपुर.. (कृष्णमोहन कुमार)..राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में लॉक डाउन के दौरान प्रदेश के गरीब परिवारों को राहत देने के लिए प्रत्येक यूनिट के 4 परिवारों को 5 किलो से अधिक और 4 परिवार से अधिक प्रत्येक व्यक्ति को 3 किलो चावल देने का निर्णय लिया था..वही जिले के शंकरगढ़ ब्लाक में बोनस चावल वितरण में बड़ी लापरवाही सामने आयी है..जिसकी शिकायत भी स्थानीय प्रशासन से की गई थी..और मामले की जांच के लिए खाद्य विभाग की टीम पहुँची भी थी..लेकिन दिलचस्प तो यह था..की बोनस का चावल राशन दुकान में मिला..जिसे बाद में बांट दिया गया..और अब सूत्र बताते है कि..दूसरे मद के पैसों से ग्राम पंचायत ने जांच टीम के समक्ष चावल खरीद कर प्रस्तुत किया था..बहरहाल बोनस चावल में गड़बड़ी का खुलासा तो हो गया..पर दूसरे मद के पैसों से चावल खरीदने के मसले पर भी एक जांच होनी चाहिए..
दरअसल ग्राम पंचायत जरहाडीह के सरकारी राशन दुकान में बोनस चावल वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आया था..ग्रामीणों ने संसदीय सचिव चिंतामणि महराज व एसडीएम शकरगढ़ से मामले की शिकायत कर दुकान के सेल्समेन पर बोनस चावल को बेचने का आरोप लगाया था..और एसडीएम शंकरगढ़ प्रवेश पैकरा ने मामले की जांच कर कार्यवाही का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था..और जांच टीम बनाई भी गई थी..और जांच भी की गई..लेकिन अब वह जांच भी सन्देह के दायरे में है..
विश्वस्त सूत्रों की माने तो सेल्समेन ने बोनस चावल को पहले सरपंच से मिलीभगत कर बेचा.. फिर जांच के लिए 14वे और 15 वे वित्त के पैसों से चावल खरीद कर शो कर दिया..जो ना केवल संदेहास्पद है..बल्कि सेल्समेन और सरपंच के राजनैतिक रसूख का प्रमाण है!.
बहरहाल ग्रामीणों पर अब सेल्समेन और सरपंच का रसूख इस कदर हावी है..की जिन ग्रामीणों ने सेल्समेन के विरुद्ध मोर्चा खोला वे अब डरे सहमे है..जिसकी वजह सेल्समेन और सरपंच से सामरी विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज घनिष्ठता है..तथा सेल्समेन खुलेआम अपने राजनीतिक रसूख का धौस देते ग्रामीणों के बीच देखा गया है..जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है..की उसपर कार्यवाही महज नाममात्र की ही होगी!..