जांजगीर चांपा। इन दिनो जांजगीर चांपा जिला पंचायत मे सब कुछ ठीक नही चल रहा हैं। कांग्रेसी सदस्य अपने ही पार्टी के छवि को खराब करने मे लगे है। जिला पंचायत में समान्य सभा की बैठक हो या किसी अन्य विषयों में चर्चा, बैठक की चर्चा को बाहर आकर दुष्प्रचार कर अपने पार्टी के छवि को खराब करने मे लगे है। हालांकि अपने पीड़ा जाहिर करने के लिए अपने अध्यक्ष के बजाय सर्वजानिक रूप से अपने पार्टी को बदनाम करते देखे गये है। लेकिन अब जिला पंचायत के सभी सदस्य उस विभीषण की खोज में लग गये है। शंका जाहिर करते हुए कई सदस्यों को अध्यक्ष के चेंबर बुलाकर कर कसम खिलाया गया। लेकिन सभी सदस्यो के बीच जो विभीषण है, उन्होने अपना मुंह खोलने से मना करते हुए किसी प्रकार की दुष्प्रचार करने वाली बात से इंकार कर दिया हैं। लेकिन सभी सदस्य उनके उपर शक कर रहे है। और सभी उन्हे खरीखोटी सुना रहे है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि अध्यक्ष और सदस्यों के बीच तालमेल नही बैठ पा रहा हैं। पार्टी के सदस्य खुले रूप से तो कुछ नही बोल रहे है, लेकिन दबे जुबान में अध्यक्ष के कार्य प्रणाली को लेकर जरूर सवाल उठा रहे है।
वही कह रहे है कि अध्यक्ष को अपने सदस्यो की बात को गंभीरता से लेना चाहिए। इस प्रकार की बात अगर हो रही है तो इसे जिला पंचायत अध्यक्ष की नकामी कही जा सकती है. कि अपने सदस्यो को एकजुट रखने मे ससफल हो रहे है। जिसका नतीजा है कि आपसी बैठक की चर्चा बाहर आ जा रही है। अब देखना होगा कि सत्ताधारी नेता अपने उपर लगे आरोपो को किस प्रकार मैनेज करते हैं. वही दूसरी ओर विपक्ष भी मौके की तलाश मे थी. अब बैठे बैठाये विपक्ष को मुददा मिल गया हैं।
क्या था मामला..
जिला पंचायत जांजगीर चांपा मे इन दिनो राज्य सरकार ने विभिन्न पंचायतो में निर्माण कार्य के लिए करोड़ों की राशि जारी किया हैं . जिसमें सभी सदस्य अपने -अपने क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य करेगें। लेकिन राशि आबंटन को लेकर कमीशन की मांग को लेकर जो इन दिनो चर्चा शहर में गरमाई हुई है। उसको लेकर जिला पंचायत में खलबली मची हुई हैं। अध्यक्ष सहित बाकी सदस्य उस सख्स की तलाश कर रहे है जो बैठक की बात को बाहर आकर दुष्प्रचार कर रहा हैं वही सभी सदस्य उस सख्स को सबक सिखाने का सोच रहे है।
अध्यक्ष से ज्यादा पतिदेव का पावर..
जांजगीर चांपा जिला पंचायत में महिला अध्यक्ष यनिता चंन्द्रा निवार्चित हो कर आई है. लेकिन जब से निर्वाचित हुई है अध्यक्ष के चेंबर में ज्यादा दिन उनके पतिदेव यशवंत चंन्द्रा ही नजर आते है. जिला पंचायत के हर एक काम मे उनका दखल होता है। हांलाकि यह परंपरा बीजेपी के शासन काल में भी था। लेकिन इन दिनों कांग्रेस शासन काल में जिला पंचायत कार्यालय में अध्यक्ष से ज्यादा पावर पतिदेव का हैं। वही हाल महिला सदस्यों के पति देवो का है।