सरगुजा जिले में करोड़ों का हैंडपंप खनन घोटाला.. सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने पर विभाग कर रहा हैं आना कानी..

अम्बिकापुर। आरटीआई कार्यकर्ता (व्हीसील ब्लोअर) एवं अधिवक्ता डी०के०सोने के द्वारा एक शिकायत आवेदन कलेक्टर सरगुजा सहित कमिश्नर सरगुजा एवं मुख्यमंत्री को किया गया है जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि कार्यालय कार्यपालन अभियंता (वि०/या०) लो० स्वा० या० विभाग खंड अंबिकापुर से सूचना के अधिकार के तहत वर्ष 2016-2017 एवं 2017-18 में खनित नलकूपों (हैंडपंप) के संबंध में जानकारी की मांग की गई थी।

जिसे सूचना के अधिकार के तहत देने में जन सूचना अधिकारी को परेशानी हो रही थी क्योंकि उपरोक्त नलकूप खनन में काफी घोटाला किया गया था जिसके कारण चाही गई उपरोक्त जानकारी को प्राप्त करने हेतु माननीय राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाना पड़ा तब जाकर जानकारी प्रदान किया गया।

कार्यपालन अभियंता (वि०/या०) लो० स्वा० या० विभाग खंड अंबिकापुर द्वारा जो जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्रदान की गई उसमें एक सूची प्रदान की गई जिसमें वर्ष 2016-17 एवं 17-18 में जितने भी नलकूप (हैंडपंप) खनन हुए हैं उसमें ग्राम का नाम, पंचायत का नाम, ब्लॉक एवं लोकेशन कहां पर खनन हुआ है तथा कैटेगिरी तथा कितनी गहराई खोदा गया है, केसिंग पाइप कितनी लगी है।

पीव्हीसी, जीआई की जानकारी, तथा कौन ड्राई हुआ की जानकारी के अलावा लागत राशि, स्टीमेट की राशि एवं भुगतान की राशि का उल्लेख किया गया है उक्त दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2016-17 में 34095239/- एवं वर्ष 2017-18 में 29583825/- दोनों वर्षों का कुल 63679064/- करोड़ रुपए का भुगतान कार्यपालन अभियंता (वि०/या०) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग अंबिकापुर द्वारा बिना जांच पड़ताल किए किया गया है।

क्योंकि उक्त कार्य में इनकी भी मोटी कमीशन सेट था, क्योंकि जिस कार्य की सूची प्रदान की गई है जिसमें कुल वर्ष 2016-17 में 321 नलकूप (हैंडपंप) खनन बताया गया है तथा वर्ष 17-18 में 319 नलकूप खनन होना बताया गया है तथा दोनों वर्ष का कुल 640 नलकूप खनन होना बताया गया है। जबकि वास्तव में विभाग द्वारा 640 नलकूप (हैंडपंप) का खनन नहीं किया गया है इसमें बहुत से नलकूप (हैंडपंप) हुए ही नहीं है और मौके पर भी नहीं है तथा कुछ मौके पर हैं तो उसमें जितने का गहराई बताया जा रहा है उतनी गहराई तक की खुदाई इनके द्वारा नहीं किया गया है तथा कम खुदाई कर उसमें ज्यादा का बिल लगाकर राशि निकाल ली गई है, इसके अलावा गलत केसिंग का भी उल्लेख कर उसका भी बिल वाउचर लगाकर उसकी भी राशि निकाल ली गई है जहां पर केसिंग कम लगा वहां पर केसिंग ज्यादा फिट दर्शा कर राशि निकाली गई है।
इसमें सबसे बड़ी बात यह भी है कि कुछ नलकूप दूसरे योजनाओं से एवं अन्य विभागों द्वारा खनन कराया जाता है उसी नलकूप का अपने विभाग द्वारा खनन बताकर उसका बिल वाउचर लगाकर विभाग द्वारा उसकी राशि निकाली गई है, जिसका मौके पर भौतिक सत्यापन से प्रमाणित हो जाएगा।
विभाग द्वारा जितनी संख्या में नलकूप (हैंडपंप) का खनन बताया जा रहा है उतना का खनन नहीं किया गया है जिसका भी भौतिक सत्यापन शिकायतकर्ता के साथ मौके पर कराने से स्थिति साफ हो जाएगी क्योंकि विभाग द्वारा 640 में से ज्यादा से ज्यादा 200-300 ही खनन कराया गया है बाकी नलकूप (हैंडपंप) खनन के फर्जी बिल वाउचर अपने लोगों का बनाकर पूरी राशि निकाल ली गई है इसलिए उपरोक्त सभी 640 नलकूप (हैंडपंप) का भौतिक सत्यापन शिकायतकर्ता के समक्ष किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराया जाना आवश्यक है।
उपरोक्त नलकूप (हैंडपंप) घोटाले में नीचे स्तर के कर्मचारी भी शामिल है क्योंकि इनके द्वारा झूठा रिपोर्ट नलकूप (हैंडपंप) के संबंध में विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर देते हैं अगर खुदाई हुई भी है तो जहां 90 मीटर खुदाई हुआ है वहां 135 दर्शा दिया गया है जहां 50 मीटर की खुदाई हुई है वह 90 मीटर की खुदाई बताया गया है जहां 70 मीटर की खुदाई हुई है वहां दस्तावेज में 90 मीटर बताया गया है इस तरह की खुदाई घोटाला अधिकारियों के द्वारा किया गया है। जिसके कारण अधिकारियों द्वारा आज दिनांक को भी नलकूप खनन हेतु क्रय की गई सामग्रीयो डीजल, ल्यूब्रीकेट्स, केसिंग पाइप, हैमर, बिट्स, क्रेशर मेटल, बालू, सीमेंट आदि के बिलों को सूचना के अधिकार के तहत प्रदान नहीं कर रहे हैं उपरोक्त सभी दस्तावेजों को संबंधित कार्यालय से जांच के समय मंगाकर शिकायतकर्ता के समक्ष कराया जाता है तो भी उक्त नलकूप (हैंडपंप) घोटाला स्पष्ट रूप से प्रभावित हो जाएगा। क्योंकि दिनांक 15/1/2020 के पत्र में अधिकारी ने यह स्पष्ट उल्लेख किया है कि विभागीय रिंग मशीनों द्वारा विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के माध्यम से नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापना किया जाता है जिसके लिए सामग्री इनके माध्यम से क्रय की जाती है।


कार्यालय कार्यपालन अभियंता (वि०/या०) लो० स्वा० या० विभाग खंड अंबिकापुर द्वारा जो मेजरमेंट हैंडपंप नलकूप खनन के संबंध में तैयार किया गया है वह फर्जी तरीके से तैयार किया गया है उदाहरण स्वरूप सूचना के अधिकार के माध्यम से प्राप्त कुछ मेजरमेंट की फोटोप्रति इस शिकायत के साथ संलग्न है, जिसमें असिस्टेंट इंजीनियर के हस्ताक्षर भी नहीं है और पूरी राशि का भी भुगतान हो चुका है।


शासकीय विभाग द्वारा अगर कोई भी सामग्री क्रय की जाती है तो सीएसआईडीसी में पंजीकृत विक्रेता के माध्यम से क्रय कराया जाता है या भंडार क्रय अधिनियम के तहत क्रय किया जाता है लेकिन उपरोक्त नलकूप (हैंडपंप) के सामानों को क्रय करने हेतु किसी तरह से भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया है और अपने अधिकारियों कर्मचारियों के माध्यम से उक्त कार्य के सामग्रियों का बिल वाउचर लगाकर पूरी राशि निकाल ली गई है।


इसके अलावा जो हैंडपंप खनन हुआ है उसमें कई हैंडपंप नलकूप ड्राई हो गए है उसकी भी राशि का भुगतान केसिंग के साथ हुआ है, अगर नियमत कोई भी नलकूप ड्राई होता है तो उसमें केसिंग नहीं लगाई जाती है सिर्फ खनन की राशि का ही भुगतान होता है लेकिन यहां पर अधिकारियों से मिलीभगत कर ड्राई वाले नलकूप खनन में केसिंग की राशि एवं अन्य राशियों का भी भुगतान फर्जी तरीके से मेजरमेंट करके भुगतान किया गया है। वर्तमान में बहुत से ऐसे स्थान है जहां पर हैंडपंप नहीं होने से ढोंढी का पानी पीने को ग्रामीण क्षेत्र के लोग मजबूर हैं और उनके नाम से आए हैंडपंप को फर्जी तरीके से कागजों में खोद कर अधिकारीगण अपनी जेब को गरम करते हैं और ग्रामीणों को ढोढी का पानी पीने को मजबूर करते हैं।