• नीति आयोग के नो हंगर इंडेक्स में प्रदेश का अंक 46 से घटकर 37 हुआ
रायपुर। 03 जून को नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 जारी की है। नीति आयोग संयुक्त राष्ट्र संघ के भारतीय शाखा के साथ मिलकर 2018 में सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक की शुरूआत की थी, जिसमें 16 लक्ष्यों का पैमाना बनाया जिसमें गरीबी निवारण, भूख को खत्म करना, स्वास्थ्य, और लोगों का कल्याण, शिक्षा की गुणवत्ता, साफ पानी और लिंग समानता जैसे लक्ष्य शामिल किये गये।
इस वर्ष की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में भूखमरी और गरीबी दर में हताशा वृद्धि हुआ है। नीति आयोग की सूचकांक क्र. 01 जिसमें कम गरीबी वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ को 2018 में 50 अंक प्राप्त हुए थे, जबकि 2020 में 49 अंक प्राप्त हुए है। जिससे यह साफ झलकता है कि भूपेश सरकार के ढाई साल में गरीबी बढ़ी है।
इसी तरह नीति आयोग की सूचकांक क्र. 02 जिसमें कम भूखमरी वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ को जहां 2018 में 46 अंक मिले थे परंतु अब 2020 में 37 हो गया जो अत्यंत भूखमरी की गंभीर समस्या को दर्शाता है। प्रदेश में भूखमरी बढ़ते जा रही है, कांग्रेस सरकार प्रदेश की जनता को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में असफल होती जा रही है।
इसी तरह सतत् विकास सूचकांक क्र.15 लाइफ आॅन लैंड अर्थात पृथ्वी के पर्यावरण तंत्र में संतुलन बनाये रखना जिसमें वृक्षों की कटाई, जैव विविधता का संरक्षण, प्राकृतिक बसाहट का नुकसान आता है इसमें भी यह भूपेश सरकार फसड्डी साबित हुई है। इस सूचकांक में जहां 2018 में छत्तीसगढ़ 100 अंकों के साथ पहले स्थान पर था, वहीं अब 2020 में मात्र 65 अंक के साथ अन्य प्रदेशों की रैंक में 12वें स्थान पर पहुंच गई है। 12वें स्थान पर पहुंचना ही यह दर्शाता है कि यह सरकार हरे भरे प्रदेश को नुकसान पहुंचा रही है।
नीति आयोग के सतत् विकास सूचकांक में अवर आॅल 2018 में छत्तीसगढ़ को 15वीं रैंक प्राप्त था, 2020 में भी 15वीं रैंक ही मिला है यानि पिछले ढाई सालों में प्रदेश का विकास थमा हुआ है, जो एक चिंता का विषय है। विकास के बड़े-बड़े सपने दिखाने वाले कांग्रेस की सरकार विकास की राह में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया यानि 2018 में भाजपा की सरकार ने जो विकास किया कांग्रेस की सरकार वहीं रूकी है।