सीतापुर(अनिल उपाध्याय)। कोरोना संक्रमित मरीजो के उपचार के बाद कोविड हॉस्पिटल का मेडिकल कचरा अस्पताल परिसर के अंदर खुले में फेंके जाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश के बाद भी अस्पताल परिसर के खुले हिस्से में अनुपयोगी पीपीई किट एवं कचरे को फेकना आसपास के रिहायशी इलाके में रहने वाले लोगो के लिए खतरे की घँटी है।इसके अलावा अस्पताल परिसर के चारदीवारी से सटा एक मुख्य मार्ग भी है जिसपर आवाजाही करने वाले लोगो के भी इसकी चपेट में आने की संभावना बनी रहती है।खुले में कचरा देख आवारा मवेशी भी यहाँ मुँह मारने चले आते है जो इनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
इस कचरे की वजह से कही ये कोरोना संक्रमित हो गए तो हालात कितने बेकाबू हो जायेंगे इसका अंदाजा भी नही लगाया जा सकता है।मौजूदा समय मे जानलेवा हो चुके कोरोना के बदलते स्वरूप के बीच जान बूझकर की जा रही ऐसी लापरवाही लोगो की सेहत पर कितना भारी पड़ सकता है शायद स्वास्थ्य विभाग को इसका अंदाजा नही है।
हालाँकि खुले में कचरा फेकने के बाद इसे जला दिया जाता है लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
इस संबंध में नगरवासियों ने कोरोना एवं मेडिकल कचरे को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुरूप रिहायशी क्षेत्र से दूर सुनसान जगह पर नष्ट करने की माँग की है ताकि संभावित खतरे से बचा जा सके।
अस्पताल के दावे फेल:-कोविड से बचाव को लेकर सरकार लगातार दावे कर रही है किंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में यह दावा फेल होता नजर आ रहा है।सरकारी दावे के अनुसार अस्पताल के अंदर एवं बाहरी परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना है किंतु स्वास्थ्य विभाग खुले में कचरा फेक कर इस दावे की हवा निकल दी है।
ये है कोरोना कचरा नष्ट करने का नियम:-कोरोना का कचरा नष्ट करने को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की है।इसके निस्तारण को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए है।इसे संक्रमितों के पास से सुरक्षित उठाना है फिर सुरक्षा के साथ इंसीनरेटर में नष्ट करना है।
इसे अन्य मेडिकल कचरे से दूर रखना है और किसी भी दशा में इसे खुले में नही फेकना है।इसे बड़ी सावधानी से नष्ट करना है इस दौरान पीपीई किट पहनना अनिवार्य है।इस गाइडलाइन के बाद भी स्वास्थ्य विभाग खुले में मेडिकल कचरा फेंककर इन नियमो की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
इस संबंध में बीएमओ डॉ अमोष किंडो ने बताया कि कोविड हॉस्पिटल से निकलने वाले सारे कचरे को ब्लीचिंग करके गड्ढे में डालना है।इसके लिये अस्पताल परिसर के किनारे में सेप्टिक टैंक बनवाये गये है जहाँ इसे डालना है इसे बाहर नही फेकना है।
इसके बाद भी अगर इसे बाहर फेका जा रहा है तो ये गलत है।इस संबंध में कोविड हॉस्पिटल के संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को आगे से इस कचरे को सैप्टिक टैंक के गड्ढे में डालकर नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।