अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय).. बिना डिग्री के इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल कसने नर्सिंग होम एक्ट जैसे कड़े प्रावधान के बाद भी नीम हकीम लोगो की जान के दुश्मन बने बैठे है। कोरोना संक्रमण काल मे ये झोलाछाप डॉक्टर रोगों का लक्षण जाँचे बगैर बेखौफ होकर इलाज करते हुये लोगो की जान दांव पर लगा रहे है। ग्राम गुतुरमा में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ कोरोना संक्रमित झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज के दौरान एक मुहल्ले को अपनी चपेट में ले लिया और वहाँ की आधी से ज्यादी आबादी को कोरोना का मरीज बना दिया। संक्रमित मरीजो में से एक की हालत ज्यादा नाजुक होने से उसे इलाज हेतु जिला चिकित्सालय ले जाया गया है जहाँ वो जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है। इधर झोलाछाप डॉक्टर ने केवल गुतुरमा में ही नही बल्कि उलकिया, छिपनिया,बेलगाँव एवं बनेया जैसे गाँवो में भी उपचार के दौरान लोगो को कोरोना परोसते हुये उनकी जान दांव पर लगा दिया है।संक्रमितों का अन्य लोगो के संपर्क में आने से गाँव मे बढ़ते कोरोना संक्रमण ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। दूसरे लहर में कहर बनकर टूट पड़े कोरोना महामारी के डर से भयभीत लोगों ने बिना डिग्री के ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूमकर बिना लक्षण जाँचे इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उनपर पाबंदी लगाने की माँग की है ताकि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव पर रोक लगाया जा सके।
प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम उलकिया निवासी झोलाछाप डॉक्टर सरोज मलिक बिना किसी डिग्री के गाँवो में घूम-घूमकर लोगो का इलाज करता है। चार दिन दिन पूर्व उसने ग्राम गुतुरमा के नाई पारा में लोगो का इलाज करने गया हुआ था और लगभग 10-15 घरों के लोगो का इलाज किया था।जिस दौरान वो लोगो का इलाज करने गया था। उसकी भी तबीयत ठीक नही थी किंतु उसने अपना कोरोना जाँच कराये बगैर ही गाँवो में घूम-घूमकर लोगो का इलाज करता रहा।इस बीच तबीयत ज्यादा खराब होने पर लोगो की सलाह के बाद जब डॉक्टर ने अपना कोरोना टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव निकला। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद झोलाछाप डॉक्टर ने अपने आपको होम कोरेंटाईन कर लिया। इधर कोरोना संक्रमित झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने वाले नाई पारा के लोगो की तबीयत बिगड़ने लगी। डरे-सहमे नाईपारा के लोगो ने जब अपना कोरोना टेस्ट कराया तो उनका रिपोर्ट पॉजिटिव आया।उसमे से एक कि हालत तो इतनी नाजुक हो गई कि उसे उपचार हेतु जिला अस्पताल ले जाया गया जहाँ वो जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है।
इस संबंध में लोगो ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर से नाईपारा के अलावा ग्राम उलकिया, छिपनिया, बनेया एवं बेलगाँव के लोगो ने भी अपना उपचार कराया था जिनका जाँच के बाद कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गाँव के लोग काफी डरे हुए है। ग्रामीणों का कहना है कि बिना डिग्री के गाँव मे घूम-घूमकर इलाज करने वाले नीम हकीम झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध उच्चाधिकारियों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिये एवं इनके इलाज पर प्रतिबंध लगाना चाहिये।
गुतुरमा में सेवानिवृत्त कंपाउंडर बिना जाँच कर रहा है कोरोना का इलाज
बगैर डिग्री झोलाछाप डॉक्टर द्वारा ईलाज की आड़ में गाँव मे कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी परोसने के बाद गुतुरमा में भी बिना डिग्री एक सेवानिवृत्त कंपाउंडर रोगी का लक्षण जाँच कराये बिना बेखौफ लोगो का उपचार कर रहा है। सेवानिवृत्त कंपाउंडर द्वारा उपचार के दौरान न तो कोविड 19 के प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है और नही कोरोना संक्रमण से बचाव के कोई उपाये अपनाये गये है। छोटे से कमरे में मरीजो के उपचार के दौरान न तो मॉस्क का उपयोग किया जा रहा है न सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है। उपचार के दौरान संक्रमण पर रोकथाम हेतु पीपीई किट एवं हैंड ग्लोब्स जैसे उपकरणों का उपयोग किया जाना अनिवार्य है किंतु यहाँ इसका रत्ती भर पालन नही हो रहा है। सेवानिवृत्त कंपाउंडर द्वारा अवैध रूप से जारी उपचार के दौरान कोविड 19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन और बरती जा रही लापरवाही की वजह से क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है। डरे सहमे लोगो ने सेवानिवृत्त कंपाउंडर द्वारा अवैध रूप से संचालित किये जा रहे क्लिनिक की जाँच सहित उचित कार्रवाई की माँग की है।
“इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पीएस सिसोदिया ने कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया है।”