कोटा। प्रदेश में बेलगाम हो रहे भ्रष्टाचार के बीच कोटा में पुलिस और सरपंच ने एक ही परिवादी से अलग-अलग मामलों में रिश्वत मांग कर डाली। परिवादी ने हिम्मत कर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में अपनी शिकायत दर्ज कराई। ब्यूरो ने दोनों मामलों का सत्यापन कर रिश्वत मांगने वाले आरोपी सरपंच को रंगे हाथों ट्रैप कर लिया जबकि रिश्वत मांगने का दूसरा आरोपी पुलिस का सहायक उप निरीक्षक ब्यूरो की कार्रवाई की भनक पाकर फरार हो गया। ब्यूरो ने रिश्वत के इस खेल में पुलिसकर्मी के दलाल को गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई के बाद एएसआई को निलंबित कर दिया गया है।
एसीबी की एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि दोनों कार्रवाइयों को मंगलवार को इटावा इलाके में अंजाम दिया गया है। पहली कार्रवाई इटावा थाने के सहायक उप निरीक्षक रणवीर सिंह के खिलाफ की गई। इस संबंध में परिवादी विपिन कुमार योगी ने शिकायत दर्ज कराई थी। योगी ने बताया कि उसके चाचा सुरेंद्र के खिलाफ इटावा थाने में मामला दर्ज है। उसे रफा-दफा करने की एवज में एसआई रणवीर ने पहले 300000 रुपये की मांग की। एएसआई सिंह ने 300000 रुपये नहीं दिए जाने पर गिरफ्तारी की धमकी दी. बाद में अग्रिम जमानत के लिए 15 दिन का वक्त देने के लिए 40,000 रुपये की मांग की।
एएसआई रणवीर सिंह को निलंबित करने के आदेश
ब्यूरो ने शिकायत का सत्यापन कराया तो वह सही पाई गई। इस पर ब्यूरो ने अपना जाल बिछाकर सिंह के दलाल राम सिंह को 40,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप कर लिया। कार्रवाई की भनक पाकर एएसआई फरार हो गया। एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि रणवीर सिंह की तलाश में एसीबी की टीम जुटी हुई है। जांच पड़ताल में सामने आया है कि रणवीर सिंह के गैंगस्टर शिवराज सिंह से भी संबंध बताये जा रहे हैं। उसकी भी पड़ताल की जा रही हैं। इस कार्रवाई के तुरंत बाद ही कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने फरार हुए एएसआई रणवीर सिंह को निलंबित करने के आदेश दे दिये। वहीं उसकी गिरफ्तारी के लिए इटावा के सीओ विजय शंकर को निर्देश दिए गए हैं।
गेता सरपंच भवानी शंकर नागर को रिश्वत लेते पकड़ा
दूसरी कार्रवाई भी इटावा क्षेत्र के ही गेता में की गई। ब्यूरो ने गेता सरपंच भवानी शंकर नागर को 2 लाख 51 हजार रुपये की रिश्वत लेते दबोचा है। सरपंच रिश्वत की राशि 1000 रुपये नगद और ढाई लाख के 2 चैक द्वारा ले रहा था। यहां पर परिवादी विपिन कुमार ही है। सरपंच भवानी शंकर नागर ने परिवादी विपिन से इंतकाल खोलने और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने की एवज में 2 लाख 51 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।