नई दिल्ली। 1 मार्च देश के 10 हजार सरकारी केंद्रों और 20 हजार से ज्यादा प्राइवेट केंद्रों पर 60 साल उम्र से ज्यादा वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में 45 साल ऊपर वाले वैसे लोगों को भी टीका दिया जाएगा जिनमें को-मॉर्बिडिटीज हैं। केंद्र सरकार ने आज इसकी घोषणा करते हुए यह भी साफ किया गया कि 60 साल से ज्यादा उम्र वालों का सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण मुफ्त में होगा जबकि प्राइवेट सेंटर या अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन के लिए पैसे चुकाने होंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने फैसले की जानकारी देते हुए बुधवार को कहा कि अब तक देश में टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 1 करोड़ 7 लाख 67 हजार लोगों का टीकाकरण हुआ है, जबकि 14 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी गई है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो लोग प्राइवेट अस्पताल में कोरोना का वैक्सीन लेना चाहते हैं उन्हें पैसे चुकाने होंगे। जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय अगले 2-3 दिन में कोरोना वैक्सीन की कीमत तय कर देगी। मंत्रालय इस वक्त कोरोना वैक्सीन निर्माताओं और अस्पतालों से चर्चा कर रहा है। जावड़ेकर ने कहा कि 1 मार्च से शुरू हो रहे टीकाकरण में 10,000 सरकारी और 20,000 प्राइवेट टीकाकरण सेंटर्स में टीकाकरण किया जाएगा। सरकारी केंद्रों में मुफ्त में टीके लगवाए जाएंगे।
इससे पहले केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा था कि आने वाले दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण की गति को बढाने के लिए और निजी अस्पतालों का उपयोग किया जायेगा। संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुये केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश भर के दस हजार अस्पतालों में कोविड-19 टीकाकरण किया जा जा रहा है और इनमें से दो हजार निजी अस्पताल हैं।
भूषण ने कहा, ‘‘टीकाकरण के लिए एक दिन में करीब दस हजार अस्पतालों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें से दो हजार अस्पताल निजी हैं। यह दर्शाता है कि निजी क्षेत्र कितना आवश्यक है। आने वाले दिनों में टीकाकरण की गति एवं इसके कवरेज को बढ़ाने के लिये और अधिक निजी अस्पतालों का इस्तेमाल किया जायेगा।’’
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में निजी अस्पताल महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।