रायपुर 02 जुलाई 2015
25 जून को रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा कमल विहार में निर्माणाधीन 1 करोड़ 25 लाख के गेट के धसकने की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग प्रदेष कांग्रेस प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा ने की है और आरोप लगाते हुये कहा है कि घटना के बाद तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की घोशण की गयी थी पर घटना 6 दिन हो गये आज तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी है। साथ ही आरडीए द्वारा गेट कांड की जांच विभागीय स्तर अपने ही चीफ इंजीनियर द्वारा कराये जाने वाली जांच पर्याप्त नहीं कहा है, घटना के सही तथ्यो को छुपाने जाने की आषंका व्यक्त की। केवल चार पिल्लर खड़े करने के बाद अधूरे गेट निर्माण के बावजूद भी ठेकेदार को 47 लाख रू. का भुगतान नियमों के विपरीत करना आपराधिक कृत्य है। षासन के पैसे का दुरूपयोग किया गया है। गेट निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने वाले अधिकारी को ही गेट धसकने की जांच का जिम्मेदारी देना समझ से परे है। राज्य सरकार अपने स्तर पर इस आपराधिक लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच कराये। जांच में तथ्यो को छुपाने का आरोप लगाते हुये कहा है कि गेट के लिये इतनी बड़ी राषि खर्च करना और उसकी अनुमानित राषि 1 करोड़ 25 लाख रू. का मापदंड कैसे और किसने तय किया यह भी जांच में आना चाहिये। जांच में कमल विहार की सलाहकार कंपनी बिल्डक्राफ्ट के कामकाज पर भी प्रष्न चिन्ह लगना चाहिये। जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारियों पर आपराधिक लापरवाही के कारण षासन का करोड़ रू. का नुकसान हुआ है। जिम्मेदार लोगो पर आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिये, जिससे सही तथ्य सामने आ सके।