नई दिल्ली : मुर्गी की दो खास नस्ल 20 और 25 रुपये किलो के रेट पर आ गई हैं। पोल्ट्री फार्म मालिक हर हाल में इन्हें बेचना चाहते हैं। अगर 20 रुपये किलो भी नहीं बिकी तो इसके रेट और कम कर दिए जाएंगे। इतना ही नहीं इन्हें फ्री भी बांटने की नौबत आ सकती है। पोल्ट्री फार्म मालिक अब इन्हें 4-6 दिन से ज़्यादा तक अपने फार्म में नहीं रख सकते हैं। वहीं उन्हें सरकार से भी मांग की है कि जहां बर्ड फ्लू का असर नहीं है वहां चिकन बेचने की इजाज़त दी जाए।
यूनिटी पोल्ट्री फार्म, जींद, हरियाणा के अरुण सिंह ने बताया, अंडे देने वाली लेयर मुर्गी का रेट 25 रुपये किलो तक हो गया है। वहीं वो मुर्गी जिसके अंडे से चूजे लिए जाते हैं उसका रेट भी 20 रुपये किलो पर आ गया है। वर्ना इस सीजन के मौके पर 60 से 70 रुपये किलो तक बिकती थीं। चिकन पर बैन लगने की वजह से एक बड़ी परेशानी सामने आ गई है।
इसलिए सस्ती बेचनी होगी या फ्री बांटनी पड़ेगी
पोल्ट्री के जानकार अनिल शाक्या बताते हैं, “अंडा देने वाली लेयर मुर्गी की अंडा देने की एक मियाद यानि वक्त होता है। जैसे-जैसे यह वक्त नजदीक आता है मुर्गी अंडा देना कम कर देती है। एक वक्त ऐसा भी आता है जब अंडा बंद हो जाता है, लेकिन मुर्गी दाना वही 100 से 125 ग्राम तक खाती है। इसलिए जैसे ही मुर्गी 60-70 फीसद तक अंडा देना कम करती है तो उसे चिकन में इस्तेमाल के लिए बेच दिया जाता है। कुछ इसी तरह का हाल उस मुर्गी का है जिसके अंडे से चूजे लिए जाते हैं।”
रेस्टोरेंट के संचालक हाजी अखलाक का कहना है कि तंदूरी-टिक्का और फ्राई चिकन के लिए ब्रायलर चिकन ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि अंडा देने वाली मुर्गी के मुकाबले ब्रायलर का मीट मुलायम होता है। कोरेमे में अंडे वाली मुर्गी आराम से खप जाती है। इसलिए ढाबों और होटलों में इसकी खूब डिमांड रहती है, लेकिन अभी सरकार ने बैन लगाया हुआ है तो इसे कोई पूछ नहीं रहा है।