
अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय).. नगर के रिहायशी क्षेत्र में मौजूद गड्ढे में जमा प्लास्टिक के कचरे में अज्ञात व्यक्ति द्वारा आग लगा देने से वहाँ का माहौल दूषित हो उठा. शाम के वक्त लगाई गई आग से उठने वाले धुँए के गुबार ने पूरे रिहायशी इलाके के वातावरण को विषैला कर दिया, धुँआ लोगो के घरों में जा घुसा. जिस वजह से साँस लेने में हो रही दिक्कत से लोगो का दम घुटने लगा और उन्हें चक्कर आने लगा. इस धुँए की वजह से नगर का माहौल बिगड़ता देख नगर पंचायत ने आग पर काबू पाने काफी मशक्कत की, लेकिन आग काफी भड़क चुकी थी. इसलिये काफी प्रयासों के बाद उस आग पर काबू पाया जा सका. इस दौरान घँटों लोग प्लास्टिक के कचरे में लगी आग कि वजह से निकलने वाले जहरीले धुँए से परेशान रहे.
विदित हो कि नगर पंचायत क्षेत्र में बाजारडाँड़ के पास वर्षो पुराना एक बड़ा सा गड्ढा है जिसे पाटने हेतु पूरे शहर का कचरा लाकर वहाँ डाला जाता है. नगर पंचायत एवं नगरवासियों द्वारा कचरा डालने के क्रम में उस गड्ढे में प्लास्टिक का कचरा भी काफी मात्रा में जमा हो गया है. जहाँ कई बार अज्ञात लोगों द्वारा प्लास्टिक के कचरे के ढेर में आग लगा देने से उससे निकलने वाला जहरीला धुँआ पूरे माहौल को दूषित बना देता है. उस गड्ढे के आसपास रिहायशी क्षेत्र होने की वजह से वहाँ रहने वाले लोगो को उस विषैले धुँए से रोज दो चार होना पड़ता है. जिससे उन्हें दम घुटने, चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
इसी क्रम में सोमवार की शाम किसी अज्ञात व्यक्ति ने प्लास्टिक के कचरे में आग लगा दी. जो देखते ही देखते भड़क उठा और उससे उठने वाले धुँए का जहरीला गुबार पूरे रिहायशी क्षेत्र को अपनी चपेट में लेते हुये लोगो के घरों में जा घुसा. घर मे धुँआ घुसने की वजह से लोगो को साँस लेने में दिक्कत होने लगी और उनका का दम घुटने लगा. जिसकी वजह से उन्हें चक्कर आने लगा. परेशानी बढ़ती देख लोगो ने तत्काल सीएमओ को इससे अवगत करा आग बुझाने की माँग की. जिसके बाद आग बुझाने आई नगर पंचायत की टीम ने कई घँटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन उसके बाद भी काफी देर तक विषैला धुँआ लोगो को परेशान करता रहा.
इस संबंध में सीएमओ एसके तिवारी ने बताया कि अक्सर अज्ञात लोग प्लास्टिक के कचरे की ढेर में आग लगा देते है. जिस वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हो जाती है. ऐसी स्थिति फिर कभी निर्मित न हो इसके लिये कोई ठोस व्यवस्था किया जायेगा.