• स्वतंत्र भारत मे पहली बार उद्योगपतियों को फायदा पहुचाने केंद्र की बीजेपी सरकार आम आदमी के जेब पर डाल रही डाका
• खाने के तेल में हुई जबरदस्त वृद्धि ने आम जनता का बिगाड़ा रसोई का स्वाद- काँग्रेस
रायपुर. जब से केंद्र पर बीजेपी की सरकार आई है आम आदमी का जीना हुआ दुस्वार जिस महंगाई को लेकर ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे. आज स्वयं मोदी जी एवं तमाम बीजेपी के नेता महंगाई पर बिल्कुल शांत एवं खामोश बैठे हुए ऐसा लगता है. इन्हें देश के आम जनता की बिल्कुल भी फिकर नही है. काँग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि महंगाई ने आम आदमी का बजट पूरी तरह बिगाड़ दिया है. पहले आलू, फिर प्याज, रसोई गैस और अब खाने के तैल में हुई जबरदस्त वृद्धि ने आम आदमी को मानसिक रूप से चिंता में डाल दिया है. महामारी की मार चल ही रही है उस पर तेल की वृद्धि से महिलाओं के रसोई का स्वाद बिगाड़ दिया है अब हर आदमी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है अडानी को फायदा पहुचाने के लिए सुनियोजित तरीके से की गई खाने के तैल में वृद्धि.
शहर जिला काँग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं आईटी सेल के पश्चिम विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. विकास पाठक ने कहा कि स्वतंत्र भारत मे पहली बार खाने के तेल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. बीजेपी के राज में एमआरपी से ज्यादा के दाम पर बेचा जा रहा है खाने का तेल कल तक जो खाने का 15 किलोग्राम का तेल 850 से 900 रुपये पर मिलता था. आज धीरे-धीरे बढ़कर 1900 से 2500 रुपये तक मे मिल रहा है. बीजेपी अडानी को फायदा पहुचाने आम आदमी के जेब पर बोझ बढ़ा रही है.
डॉ. विकास पाठक ने बताया कि आम आदमी का रसोई का बजट लगातार बिगड़ता जा रहा है पहले आलू, प्याज फिर रसोई गैस और अब खाने का तैल में हुई जबरदस्त उल्लेखनीय वृद्धि से आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है आज पानी और नमक,मिर्च से खाने को आम-आदमी मजबूर है। इसे हम यू कह सकते है कि महंगाई की मार ने सारी हदें पार कर दी है। सभी खाद तेलों जैसे मूंगफली, सरसो, वनस्पति, ताड़ की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है.
सोयाबीन, सूरजमुखी, हरेली के तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही है ये कीमतें 40 से 50 फीसदी तक बढ़ गई है पर अब तक महंगाई को तैल की कीमतों को कम करने में केंद्र की बीजेपी सरकार पूरी तरह नाकाम रही है. केंद्र की बीजेपी सरकार को देख ऐसा लगता है कि खाने के तैल में वृद्धि, महंगाई से कोई फरक नही पड़ता बीजेपी ने आम जनता को उसी के हाल में जीने को छोड़ दिया है.