अम्बिकापुर। जिले में लगातार बदल रहे मौसम को लेकर किसान के साथ-साथ समिति प्रबंधन भी काफी परेशान है। समितियों से धान उठाव नहीं होने के कारण किसानों को भी धान खुले में रखना पड़ रहा है, और बारिश से धान भीगने का डर भी सता रहा है। वही मौसम वैज्ञानिक की माने तो मौसम खुलेंगे। लेकिन वायुमंडल में 98 से 100% नमी देखी जा सकती है, जिसका प्रभाव उत्तरी छत्तीसगढ़ में देखने को मिलेगा।
सरगुजा जिले में पिछले कुछ दिनों से बूंदाबांदी जारी है, साथ ही समितियों से धान उठाव नहीं होने के कारण समितियों में भी किसानों को खुले में धान रखना पड़ रहा है, जिसको लेकर किसान परेशान है, किसानों को डर है कि उनके धान भीग जाने के बाद समिति द्वारा धान नहीं लिया जाएगा, तो किसान कहां जाएंगे।
हालांकि धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक का भी मानना है कि धान उठाव नहीं होने के कारण समितियों में धान के स्टाक बढ़ गए हैं, और समिति के पास धान को खुले में रखना मजबूरी है, वही बदले हुए मौसम का डर भी समिति प्रबंधकों को डरा रहा है, कि कहीं खुले में रखा हुआ धान बारिश में भीग ना जाए। हालांकि समिति के द्वारा तिरपाल और अन्य चीज की सुविधा तो है लेकिन वह इतनी मात्रा में नहीं है कि धान को बदले हुए मौसम से बचाया जा सके।
वही मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ जो मध्यप्रदेश में बने हैं उसी के कारण छत्तीसगढ़ में भी उसका प्रभाव देखा जा रहा है, जिस कारण लगातार दो-तीन दिन से बूंदाबांदी बनी हुई है। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ अब आगे बढ़ गए हैं जिससे बादल छट जाएंगे, लेकिन आने वाले दिनों में नमी बने रहने के ज्यादा उम्मीद है, वही मौसम खुलने के बाद ठंड में भी काफी बढ़ोतरी की उम्मीद बताई जा रही है।
बहरहाल समितियों में पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था नहीं होने के कारण समिति प्रबंधक के साथ-साथ किसानों को भी धान रखने में काफी दिक्कतें सामने आ रही है, वही मौसम विज्ञानिक की मानें तो आने वाले समय में मौसम में काफी नमी रहेगी, ऐसे में प्रशासन, समितियों से धान उठाओ और समितियों में धान रखने की क्या व्यवस्था करती है यह तो आने वाला वक्त ही बता सकता है।