गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक ही मंडप में बेटी के साथ मां ने भी सात फेरे लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत की। कार्यक्रम में शिरकत करने आए लोगों ने दोनों को आशीर्वाद देकर उनके सुनहरे भविष्य की कामना की।
बता दें कि पिपरौली ब्लॉक क्षेत्र के कुरमौल निवासी बेइली के पति की मृत्यु हो चुकी है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बेइली ने अपनी और पुत्री इंदू की शादी का रजिस्ट्रेशन करा रखा था। बेइली की उसके देवर जगदीश (55) और बेटी इंदू की शादी पाली निवासी राहुल के साथ हुई।
इस आयोजन में दोनों ने सात फेरे लिए और दांपत्य जीवन की शुरुआत की। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि एक ही मंडप में मां-बेटी दोनों का विवाह पहली बार देखने को मिला है। यह शादी चर्चा का विषय बनी रही।
बता दें कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गुरुवार को पिपरौली ब्लॉक मुख्यालय पर 63 जोड़ों ने दांपत्य जीवन में कदम रखा। इनमें से एक जोड़े का निकाह कराया गया। मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य छोटे लाल मौर्य व अन्य लोगों ने वर-वधु को आशीर्वाद दिया। इस दौरान भारी संख्या में दोनों पक्षों के लोग मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि ने कहा कि प्रदेश सरकार की यह अति महत्वाकांक्षी योजना इस महंगाई के दौर में गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता दिलीप कुमार यादव ने कहा कि इस प्रकार की रस्म अदायगी से समाज में समानता की भावना जागृत होगी और इससे एकता को बल मिलेगा।
मुख्य अतिथि ने कहा कि खर्चीले विवाह के बजाय लोग सामूहिक विवाह के प्रति जागरूक होंगे। शादी आचार्य महेश्वर शुक्ल एवं मुकेश मणि त्रिपाठी ने कराई। जबकि इमाम इरफान अहमद ने एक मुस्लिम जोड़े का निकाह कराया। बीडीओ डॉ. सीएस कुशवाहा ने सभी का आभार जताया।