अम्बिकापुर। सरगुजा जिले के सीतापुर ब्लॉक के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लेखापाल को निलंबित किए जाने का मामला अब तूल पकडने लगा है। निलंबित कर्मचारी ने निलंबन के मामले में सीतापुर के प्रभारी बीईओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तो लिपिक कर्मचारी संगठन निलंबन को नियम विरुद्ध बताकर मामले की जांच कराने की मांग कर रहा है।
दरअसल दो दिन पहले सीतापुर बीईओ कार्यालय में पदस्थ लेखापाल प्रसाद राम पैकरा को पेंशन कार्य में लापरवाही का हवाला देकर निलंबित कर दिया गया था। बीईओ सीतापुर की अनुशंसा पर संयुक्त संचालक शिक्षा ने प्रसाद राम पैकरा को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद आज आज लिपिक वर्गीय कर्मचारी संगठन निलंबित लेखापाल के पक्ष में सामने आ गया है।
दरअसल संभाग आय़ुक्त औऱ कलेक्टर से मामले की शिकायत करने पहुंचे, प्रसाद राम पैकरा ने आरोप लगाया है कि बीईओ मिथलेश सिंह सेंगर उन पर कुछ महीनों से प्रति माह एक से डेढ लाख रूपए मांग कर रहे थे। जिसको दे पाने में वो असमर्थ थे। इसलिए उन पर नियम विरुद्ध कार्यवाही की गई है। इधर लिपिक वर्गीय कर्मचारी संगठन के मुताबिक किसी भी कर्मचारी को बिना कारण बताओ नोटिस के निलंबित नहीं किया जा सकता है.. लेकिन इस मामले में ऐसा हुआ है।
इतना ही नही संघ के जिला अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने मांग की है कि निलंबन के इस पूरे मामले की जांच कराई जानी है.. और जांच के दौरान निलंबित लेखापाल के साथ प्रभारी बीईओ को भी सीतापुर से हटाया जाना चाहिए.. क्योकि वो जांच को प्रभावित कर सकते है।
हमारा एक लिपिक साथी शोषित हुआ है, प्रताड़ित हुआ है। इसी के विरोध में कलेक्टर और संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है। सीतापुर बीइओ कार्यालय में पदस्थ लिपिक प्रसाद राम पैकरा को बिना कारण, बिना नियमों का पालन किए निलंबित कर दिया गया है।
अखिलेश सोनी, जिलाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ जिला शाखा सरगुज़ा
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