फायरिंग में बाल बाल बचे व्यापारी : अज्ञात हमलावरो ने लूट की नीयत से की फायरिंग

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर मे 48 घंटे मे दूसरी बार व्यापारी से कट्टे की नोक पर लूट का प्रयास हुआ है, शनिवार को स्टेशनरी व्यापारी से लूट के आरोपियो को तलाशने ,,पुलिस लकीर पर लाठी पीट ही रही थी,, कि सोमवार की रात अज्ञात हमलावरो ने किराना के थोक व्यापारी पर लूट की नियत से तीन फायरिंग कर दी, जिससे व्यापारी बुरी तरह जख्मी हो गया है। घटना शहर के कुंडला सिटी के पास की है। जिसके बाद पुलिस एक बार फिर आरोपियो को पकडने नाकाबंदी करने की बात दोहरा रही है।h 3

अम्बिकापुर मे अपराध और अपराधियो के हौसले अब परवान चढ गए है,, और यही वजह कि पिछले 48 घंटो मे अज्ञात हमलवरो ने बेखौफ होकर लूट के प्रयास की दो वारदात को अंजाम दिया है। इस बार तीन अज्ञात हमलवरो ने किराना के थोक व्यापारी ,, रितेश ऐजेंसी के संचालक राकेश अग्रवाल के साथ लूट की नीयत से तीन फायर किए, जिससे रितेश बुरी तरह घायल हो गया और हमलावर वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो गए। दरअसल घटना रात तकरीबन 10 बजे की है,, जब व्यापारी अपनी दुकान से रुपयो से भरा बैग लेकर अपनी कार की ओर बढा तो उसी वक्त उस पर घात लगाए हमलवरो h 7h 2ने व्यापारी पर एक फायर किया, जिससे गोली पैर मे लगी,,  लेकिन इस दौरान व्यापारी ने हमलावरो से संघर्ष किया,, लिहाजा लूट मे असफलता को देखते हुए लुटेरो ने व्यापारी पर दो और फायर किए, जिससे एक गोली उसके सर को छीलती हुई निकल गई ,जिससे व्यापारी के सर गंभीर चोट आई है।

घटना के बाद हमलावर तीनो युवक मौके से फरार हो गए,, लेकिन घटना स्थल पर पंहुची पुलिस ने मौके से एक कारतूस से भरा कट्टा बरामद किया है,, जिसमे फायर के निशान भी है,, इधर घटना की खबर शहर मे आग की तरह फैली और व्यापारी वर्ग के साथ ही कालोनी मे रहने वाले लोगो का हुजुम उमड आया,, दहशत भरे माहौल मे सब शहर मे सिलसिलेवार हो रही घटना की निंदा करते रहे,, तो घटना स्थल पर पंहुची कोतवाली और क्राईम ब्राांच पुलिस अपनी नाकामी और हमलावरो की सफलता को लेकर आँख झुकाए खडे नजर आए। तो पुलिस कप्तान ने एक बार फिर घटना की जानकारी देते हुए नाकाबंदी कर आरोपियो को पकडने की दलील दी।

48 घंटे मे एक ही तरह की दो घटनाओ ने शहर मे स्वाभाविक दहशत का माहौल बना दिया है। खासकर व्यापारी वर्ग इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने लगे है,, लेकिन अपराधियो पर ढीली होती पुलिस की पकड और पुलिसिया दहशत की कमी ने अम्बिकापुर को एक बार फिर अशांत कर दिया है। बहरहाल देखना है कि शहर के इन अज्ञात दहशतगर्दो को पुलिस कब बापर्दा करती है,, और दहशत का मौजूदा माहौल कब समाप्त होता है।