- इस आदेश के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके पीछे कारण यह है कि लोगों को रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन नक्सा खसरा व बी- 1 में पटवारी के हस्ताक्षर और सील लगवाना पड़ता था
रायपुर। रजिस्ट्री में पटवारी व तहसीलदार के हस्ताक्षरित खसरा पांचसाला और खसरा बी-१ की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले बिना पटवारी व तहसीलदार के सील और दस्तखत बिना रजिस्ट्री नहीं की जा रही थी। अब भुइंया वेबसाइट में अपलोड खसरा पांचसाला और खसरा बी- 1 से ही रजिस्ट्री की जाएगी। महानिरीक्षक पंजीयक ने यह आदेश जारी करके सभी जिला कलेक्टरों को सूंचित किया है।
इस आदेश के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके पीछे कारण यह है कि लोगों को रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन नक्सा खसरा व बी-१ में पटवारी के हस्ताक्षर और सील लगवाना पड़ता था। इसके लिए उन्हें बार-बार पटवारी कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहा था। जिससे रजिस्ट्री पेंडिंग हो जाती थी और शासन को भी राजस्व का नुकसान होता था। अब यह सभी समस्या से निजात दिलाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। विवादित या सफ्टवेयर में अभिलेख नहीं होने पर ही पटवारी या तहसीलदार के प्रमाणित दस्तावेज मान्य होंगे।
छह साल पहले दिया था आदेश
बता दें कि 26 अपैल 2014 को आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा आदेश जारी किया गया था कि बी- 1, व खसरा पांचसाला को हस्थ लिखिति मान्य नहीं होगा। इसकी प्रतिलीपी सिर्फ भुईंया साफटवेयर के माध्यम से ही दी जाएगी। इस आदेश में साफ लिखा गया है कि भुईंया से प्राप्त खसरा पांचसाला और खसरा बी-१ मान्य रहेगा। इसलिए संपत्ती की रजिस्ट्री के लिए भुईंया से प्राप्त डिजिटल सिग्नेचर युक्त खसरा पांचसाला और खसरा बी-१ लिया जाएगा।
मिली थी शिकायत
महानिरीक्षक के पत्र के मुताबिक शिकायत मिली थी कि पटवारी कार्यालय में अभिलेख देने के एवज में रिश्वत मांगी जाती है। रिश्वत नहीं देने वालों को बार-बार कार्यालय के चक्कर कटवाया जाता है। इसकी वजह से पूर्व के आदेश को शिथिल करके यह छूट दी गई है।
अब जमीन के खसरा पांचसाला और खसरा बी-१ के लिए अब पटवारी व राजस्व अधिकारी के दस्तखत की जरुरत नहीं होगी। भुईंसा में अपलोड अभिलेख को रजिस्ट्री के लिए मान्य किया गया है।
- धर्मेश साहू, महानिरीक्षक, पंजीयक