रायपुर
ग्रेटर रांची, रांची शहर सहित आस-पास के 28 हजार एकड़ एरिया में डेवलप होगा। विकास का काम दो चरणों में होगा। पहले चरण में कैपिटल सिटी विकसित होगी। इसे विकसित करने के लिए नया रायपुर मॉडल को अपनाया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में 34 गांव का अधिग्रहण होगा।
ग्रेटर रांची डेवलपमेंट एजेंसी [जीआरडीए] के जीएम प्रोजेक्ट एवं प्लानिंग एके द्विवेदी के नेतृत्व में तीन सदस्यी दल यहां मंगलवार को नया रायपुर पहुंचा। दल ने पहले दिन नया रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ अमित कटारिया व अन्य अफसरों के साथ बैठक कर नया रायपुर के विकास मॉडल को समझा। इसके बाद उन्होंने यहां चल रहे कुछ विकास कार्यो को भी देखा।
अभी कागज पर है प्रोजेक्ट
जीआरडीए के जीएल प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग एके द्विवेदी ने बताया कि सन 2000 के बाद छत्तीसग़़ढ के साथ झारखंड भी अलग राज्य बना लेकिन वहां सरकार अस्थिर होने के कारण अभी तक कैपिटल सिटी का विकास नहीं हो पाया। कैपिटल सिटी का विकास करने से पहले वे रायपुर में भू अध्रिगहण का फार्मूला, जमीन का प्रबंधन, ग्रामीणों का पुनर्वास जैसे मामले को खासतौर पर समझने के लिए आए हैं। शहर की बसाहट शुरू करने से पहले सबसे जरूरी जमीन होती है। नया रायपुर ने जिस मॉडल से जमीन का अधिग्रहण कर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास किया है वह पूरे देश में एक मॉडल है।
पहले चरण में आठ गांव
ग्रेटर रांची के पहले चरण कैपिटल सिटी में आठ की जमीन अधिगृहीत करना है। बगैर आबादी को प्रभावित किए जमीन अधिग्रहण और प्रभावित हो रहे ग्रामीणों का पुनर्वास करने का यहां का फार्मूला रांची के लिए भी उपयोगी साबित होगा।