रायपुर
अदालत ने नाबालिग को भगा कर ले जाने वाले युवक को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। मजदूरी दिलाने के बहाने युवक नाबालिग को अपने साथ ले गया और भिलाई में दो साल तक रहे।
बलौदाबाजार के ढंढनी गांव का रहने वाला सीताराम ध्रुव (22) रायपुर में मजदूरी करता था। 8 मई, 2012 को नाबालिग के पिता ने गुढ़ियारी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। लड़की स्कूल में पढ़ती थी और घटना के दिन वह बिना बताए घर से कहीं चली गई।
22 जून, 2014 को नाबालिग पाली बंद कंपनी जामुल के लेबर परिसर में आरोपी के साथ मिली, जिसके बाद गुढ़ियारी पुलिस ने युवक के खिलाफ धारा 363, 366, 376 और लैंगिंग अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत अपराध कायम किया।
मामले का विचारण फास्ट ट्रेक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुमन एक्का की अदालत में हुआ, जहां आरोपी सीताराम को संदेह का लाभ देते हुए धारा 366, 376 और धारा-6 के अपराध से दोषमुक्त हो गया। लेकिन धारा 363 के आरोप में उसे तीन साल कारावास और 200 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।