फटाफट डेस्क- पुणे- 35 वर्षीय सुभाष गडवाल जो की एक बहुत बड़े बिजनेश मैन् है, उनके अंदर में 250 लोग काम करते हैं, सबको सैलरी देने के बाद भी हर महीने 60 से 70 हजार कमाते है, लेकिन अब अस्पताल में झाड़ू पोछा लगाते हुए नजर आते ….? आईए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला..दरअसल जून महीने में सुभाष की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी जिसके बाद उन्हें पुणे के भोसारी अस्पताल में रखा गया था, लगभग 3 महीने लगे उन्हें कोरोना से जंग जितने में, अब वो बिल्कुल ठीक हो चुके हैं। एक बात जो किसी को भी हजम नहीं हो रही है कि ऐ.सी रूम में बैठने वाले इतने बड़े बिजनेशमैन जो 250 लोगों को रोजगार देते थे आज वो अस्पताल में झाड़ू पोछा क्यों लगा रहे है? सुभाष से बात करने पर, बताया कि उन्होंने मौत को बहुत करीब से देखा है, उन्हें जिस अस्पताल में रखा गया था , वहां बगल वाले बेड में एक इंसान कि मौत हो गई, उस समय सुभाष खाना खा रहे थे, तब उन्हें यह पता चला कि जिंदगी कितनी छोटी है, इंसान कितना भी पैसा कमा ले पर जिंदगी नहीं खरीद सकता। उसके बाद उन्होंने संकल्प लिया कि ठीक होने के बाद वे समाज सेवा करेंगे। जब वे कोरोना से जंग जीतने में सफल हो गए तब, उन्होंने उसी अस्पताल में वार्डबॉय का काम करना शुरू किया।आपको बता दें कि सुभाष की पत्नी सविता उसी अस्पताल में नर्स है। सविता का कहना है कि जब वो अपने पति को झाड़ू पोछा लगाते हुए देखती थी तो उसे बहुत रोना आया था लेकिन अब उसे अपने पति पर गर्व होता है। सुभाष रोज अपनी कार से अस्पताल आते है और बहुत ही ईमानदारी सें अपना काम करते हैं, सुभाष को अस्पताल से 16000 का महीना मिलता है लेकिन सुभाष का मकसद पैसे कामना नहीं है बल्कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की देख भाल करना है।