धीरज ने उठाई आवाज.. एक्शन में आये कलेक्टर.. एसडीएम ने रात में ही लगाई फटकार… पढ़िए पूरी खबर!..

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..कोविड 19 संक्रामक वैश्विक महामारी ने अक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है..जिससे निपटने प्रदेश के हर जिलों में कोविड अस्पताल समेत कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया गया है..जहाँ कोविड 19 पॉजिटिव लोगो को एडमिट किया जा रहा है..लेकिन अब यही कोविड केयर सेंटर कमाई का जरिया बनते दिख रहे है..जो “मौका मिले तो चौका” की शीर्षक को चरितार्थ करते नजर आ रहे है..वही बीती रात कलेक्टर और एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद जिले के कोविड केयर में भर्ती महिलाओं ने राहत की सांस ली..

दरअसल जिले के आरागाही में कोविड केयर सेंटर की स्थापना पॉलीटेक्निक कालेज भवन में की गई है..जहाँ भर्ती कुछ महिलाओं ने स्थानीय जनप्रतिनिधि धीरज सिंहदेव को फोन कर कोविड केयर सेंटर में दूषित भोजन दिए जाने की शिकायत की थी .जिसके बाद धीरज सिंहदेव ने मामले की जानकारी कलेक्टर श्याम धावड़े समेत प्रभारी मुख्यचिकित्सा अधिकारी बसन्त सिंह,एसडीएम रामानुजगंज अभिषेक गुप्ता, डीपीएम एनआरएचएम स्मृति एक्का को दी थी..इसी दौरान कोविड केयर में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने महिलाओं पर दबाव बनाने का भरसक प्रयास किया..और कोविड केयर की लाईट बन्द कर दी..और ब्लैक आऊट होने का हवाला देते हुए शांत रहने की हिदायत दी थी..जबकि क्षेत्रीय विधायक बृहस्पत सिंह ने कोविड केयर के लिए जनरेटर की व्यवस्था पहले से ही कर दी है..तथा कोविड केयर में जनरेटर की सुविधा उपलब्ध है..तब आक्रोशित महिलाओ ने एसडीएम अभिषेक गुप्ता से भी फोन पर मदद की गुहार लगाई..

वही कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल कोविड केयर में भोजन व्यवस्था सुधार करने के निर्देश दिए..और एसडीएम ने कोविड केयर में भोजन उपलब्ध कराने वाली महिला समूह को फटकार लगाई तब जाकर देर रात महिलाओ को भोजन मिल सकी..

बता दे कि कोविड केयर का जिम्मा एनआरएचएम के पास है..और कोविड केयर में मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी,बिजली और भोजन की व्यवस्था एनआरएचएम की ओर से ही किया जाता है..लेकिन कोविड सेंटर से कल निकलकर आई इस एक शिकायत ने जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की नींद कुछ देर के लिए खराब कर दी..

वर्तमान समय मे कोविड सेंटर में लगभग 100 महिलाएं है..जिनमे गर्भवती महिलाएं भी शामिल है..जिनका उपचार कोविड केयर सेंटर में जारी है..ऐसे में उन्हें दूषित भोजन दिया जाना..उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ है..और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसलिए डीपीएम एनआरएचएम को खुद मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है..ताकि महिलाएं आसानी से कोरोना से जंग जीत सके..लेकिन बीती रात हुई शिकायत से डीपीएम की कार्यशैली पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाता है..की आखिर उनकी यह कैसी व्यवस्था है..जिसके लिए महिलाओ को आवाज उठानी पड़ी!..