अनिल उपाध्याय, सीतापुर। मनरेगा योजना से हाट बाजार हेतु कराये गये शासकीय समतल भूमि पर सरपंच के इशारे पर गाँव के दबंगो ने कब्जा करते हुये उसपर धान की फसल लगा दी है। दबंगो द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा करने की वजह से हाट बाजार वहाँ लगने के बजाये यातायात प्रभावित सड़क पर लगने लगा है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामवासियों ने प्रशासन से उक्त शासकीय भूमि कब्जामुक्त करा हाट बाजार वहाँ व्यवस्थित कराने की माँग की है, ताकि भविष्य में किसी अनहोनी से बचा जा सके।
विदित हो कि ग्राम पंचायत बनेया में आवागमन के लिहाज से काफी व्यस्त मार्ग पर वर्षो से हाट बाजार संचालित हो रहा है। जहाँ हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। जिसे देखते हुये ग्राम पंचायत द्वारा सड़क पर लगने वाले हाट बाजार को व्यवस्थित करने हरिजन पारा से आगे स्थित शासकीय भूमि का मनरेगा योजना की तहत भूमि समतलीकरण कराया। ताकि हाट बाजार वहाँ व्यवस्थित कर दुर्घटना जैसी संभावनाओं को खत्म किया जा सके। किंतु शासकीय समतल भूमि पर हाट बाजार व्यवस्थित करने बरती गई उदासीनता एवं सरपंच के इशारे पर दबंगो द्वारा उक्त भूमि पर कब्जा कर लेने से हाट बाजार वहाँ व्यवस्थित नही हो सका। मौजूदा दौर में हाट बाजार के बढ़ते दायरे की वजह से सड़क पूरी तरह जाम हो जाता है और अक्सर वहाँ दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
सामुदायिक शौचालय को भी लगा ग्रहण-
शासकीय समतल भूमि पर हाट बाजार व्यवस्थित करने का निर्णय लेने के बाद वहाँ ग्राम पंचायत द्वारा लोगो की सुविधा हेतु साढ़े तीन लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा था। किंतु सरपंच की लापरवाही की वजह से इस पर भी ग्रहण लग गया। तीन साल से ऊपर हो गये सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य बंद हुये। जिस वजह से उसकी हालत भी अब काफी जर्जर हो गई है। ग्रामवासियों का कहना है कि सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य की आड़ में सरपंच ने सरकारी पैसों का बंदरबांट किया है। जिसकी जाँच होनी चाहिये।
इस संबंध में सीईओ एस.के. गुप्ता ने जाँच करा उचित कार्रवाई की बात कही है।