निगरानी ऐप से वन कर्मचारियों में आक्रोश, संघ ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में वन कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए शासन ने पागैन ऐप जारी किया है। जिसमें प्रत्येक 03 घंटे में प्रत्येक कर्मचारी को अपनी सेल्फी और लोकेशन देनी है। इस ऐप के विरोध मे वन कर्मचारी (Forest worker protest) संघ खुलकर आगे आ गया है।

कर्मचारी विरोधी ऐप – Anti Employee App

संघ के अध्यक्ष सतीश मिश्रा ने कहा कि यह ऐप कर्मचारी विरोधी (Forest worker protest) है। कर्मचारी भी एक मानव है उसे भी दैनिक कृत्यों दायित्वों के लिए समय की आवश्यकता है। वन कर्मचारी 24 घंटे वन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए कार्य करते हैं, साथ ही साथ शासन की महात्वाकांक्षी योजना नरवा, ग़रवा और विभागीय कार्यो का निर्वहन करते हैं। कोरोंना काल में भी समस्त वन कर्मचारी ड्यूटी पर रहे, लेकिन कोई पूछने व देखने तक नहीं आया।

डीएफओ ने रोका वेतन – DFO stopped salary

अधिकांश कर्मचारी कम शिक्षित होने के कारण एंड्रॉयड मोबाइल चलाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में इस ऐप के जरिए उनकी निगरानी से उनका मनोबल गिरेगा। एप से निगरानी के नए नियम व एंड्रॉयड मोबाइल नहीं होने से ऐप डाउनलोड नहीं करने के कारण बहुत से जिलों मे कर्मचारियों का डीएफओ द्वारा वेतन रोक दिया गया है। जिससे समस्त कर्मचारी शासन के विरुद्ध आक्रोशित (Forest worker protest) है।

मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग – Write a letter to the Chief Minister and demand

संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र जारी कर माँग की है कि 15 दिवस के भीतर ऐप वापस लेकर उनके 08 घंटे कार्य अवधि का निर्धारण किया जाए, और 8-8 घंटे की शिफ़्ट में तय की जाए। सरकारी सिम, एंड्रॉयड मोबाइल और डाटा रीचार्ज की मांग की है। ऐप पर स्पष्ट आदेश जारी नहीं होने पर संघ इसके विरोध में आंदोलन व न्यायालय जाने हेतु बाध्य होगा व जल्दी ही जिला कार्यालयों (Forest worker protest) का घेराव किया जायेगा। उपरोक्त जानकारी संघ के मीडिया प्रभारी पवन पिल्ले द्वारा जारी की गई।