बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले के वाड्रफनगर जनपद पंचायत सीईओ वेदप्रकाश पाण्डेय ने 2 सरपंच और दो सचिवों पर सरकारी राशि हजम करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है..और अब पुलिस विभागीय जांच के दस्तावेजो को जप्त कर इस मामले में जांच कर रही है..
दरअसल स्वच्छ भारत अभियान की राशि का आहरण कर कागजो में शौचालय निर्माण करने की शिकायते बीते साल ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से की थी..और जिला पंचायत सीईओ ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए..जांच के आदेश दिए थे.जिसके बाद जांच प्रतिवेदन के आधार पर सीईओ हरीश एस ने पिछले साल दिसंबर माह में ही दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश तत्कालीन जनपद सीईओ को दिए थे..लेकिन दिलचस्प तो यह था..की जिला पंचायत सीईओ का वह आदेश सरकारी फाईलों तक ही सीमित रहा..
वही जुलाई महीने में सरकारी फाईल से एफआईआर वाला जिन्न बाहर निकला और जनपद सीईओ वेदप्रकाश पाण्डेय ने ग्राम बलंगी के सरपंच मीना पंडो व तत्कालीन सचिव सीमा जायसवाल और उसके पति पवन जायसवाल के विरुद्ध फर्जी तरीके से शौचालय का पैसा आहरण करने के मामले में रघुनाथनगर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है..इस मामले में 6356650₹ के शासकीय राशि गबन का मामला सामने आया था..
इसी तरह ग्राम पंचायत हरिगवा के सरपंच भलमती व तत्कालीन सचिव हरिहर सिह पर भी शौचालय निर्माण की राशि 2971930 ₹के गबन का मामला उजागर हुआ था..और इस मामले में भी भादवि की धारा 409 ,34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है..
अब मामले पुराने थे..और शिकायते भी पुरानी थी..जांच भी लगभग बीते साल ही कम्प्लीट हो गई थी..और दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी पिछले साल ही जिला पंचायत सीईओ ने कर दिया था..लेकिन तत्कालीन जनपद सीईओ ने अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश को दरकिनार कर दोषियों को बचाने का भरसक प्रयास किया..लेकिन अब वह आदेश का जिन्न फाईलों से बाहर आ चुका है..और उम्मीद है..की आरोपी भी जल्द से जल्द सलाखों के पीछे ही होंगे!..