पारसनाथ सिंह, सूरजपुर। प्रदेश में सरप्लस बिजली होने का दावा किया जाता है। दूसरे राज्यों को बिजली सप्लाई करने की बात कही जाती है। छत्तीसगढ़ देश के बड़े बिजली उत्पादक राज्यों में शामिल है। यहां की बिजली की कुल स्थापित क्षमता 20 हज़ार मेगावॉट से अधिक है। वहीं दूसरी ओर चिराग तले अंधेरा की कहावत को भी बखूबी चरितार्थ किया जा रहा है।
दरअसल सूरजपुर ज़िला मुख्यालय से महज 08 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम रामनगर के अडरापारा में पिछले दस दिनों से अंधेरा छाया हुआ है, कारण यह है कि यहां का ट्रांसफॉर्मर ख़राब हो गया है और उसे बदलना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक़ ग्रामीणों ने ट्रांसफार्मर खराब होने के दो दिन बाद विद्युत विभाग के अधिकारियों को ट्रांसफॉर्मर ख़राब होने की सूचना दी। लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज तक ट्रांसफॉर्मर बदला नहीं गया और अड़रापारा सहित धौरापारा के सैकड़ो गांव पिछले दस दिनों से लालटेन और ढिबरी युग की तरह जीवन यापन कर रहे हैं।
विद्युत विभाग की यह लापरवाही किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। अधिकांश किसान अपने धान की फ़सल की बुआई में लगे है। लेकिन, ट्रांसफॉर्मर नहीं बदले जाने के कारण धान की फसल की बुआई नहीं हो पा रही है। जिन किसानों ने धान की फसल की बुआई कर दी है, उनके सामने सिंचाई की समस्या खड़ी हो गयी है।
किसानों के साथ-साथ यहां के रहवासियों को बिजली संबंधी कार्य के लिए काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल, कंप्यूटर समेत सभी ऑनलाइन कार्य ठप पड़ गये हैं। यहां के लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाना पड़ रहा है। वहीं रात के अंधेरे में सांप-बिच्छु का खतरा अलग से।
यहां पेंड के सहारे तार, हादसे का इंतजार
इधर रामनगर के पतरापारा में विभाग ने लापरवाही की हद पार कर दी है। आलम यह है कि यहां कभी भी हादसा हो सकता है। दरअसल ललन सिंह के घर के पास तीन फेज विद्युत तार एक पेड़ के सहारे चल रही है और उस मार्ग पर दिनभर लोगों का आवागमन लगा रहता है। ग्रामीणों की माने तो यह हालात पिछले दो महीनों से है। विभाग के कर्मचारियों/लाइनमैन को इसकी कई बार सूचना दी गयी, लेकिन किसी ने इस ओर रुचि नहीं दिखाई। अब यहां के लोग मौत से साये में जीने को मजबूर है।
ख़ुद ही बनाया जुगाड़
बताया जा रहा है कि दो महीने पहले जब विद्युत पोल क्षतिग्रस्त हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन कोई नहीं पहुंचा और ग्रामीणों ने विद्युत आपूर्ति रुक जाने पर ख़ुद जुगाड़ बनाकर तार को पेड़ से लटका दिया। तब से अब तक ऐसे ही काम चल रहा है, लेकिन अब बारिश शुरू होते ही खतरा बढ़ गया है, क्योंकि बारिश में पेंड के भीगने के बाद लोगों को पेंड में करंट आने का डर सता है और पेंड के बगल से गुजरे रास्ते में लगातार लोगों का आना जाना लगा रहता है साथ ही छोटे-छोटे बच्चे भी कभी-कभी वहां खेलने पहुँच जाते हैं।
“मैं वहां के अधिकारियों को बोलता हूँ। जल्द व्यवस्था ठीक की जाएगी।”
डीएस भगत, सीई, विद्युत विभाग
बहरहाल सरप्लस राज्य में जिला मुख्यालय से लगे गांव में 10 दिनों से अंधेरे में जिंदगी गुजार रहे लोगों को यह तो पता चल गया कि सूरजपुर विद्युत विभाग के अधिकारी/कर्मचारी कितना एक्टिव है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूरस्थ इलाकों में क्या हालात होते होंगे। लिहाज़ा अब देखना होगा कि अड़रापारावासियों को अब कब शाम के बाद रात की रौशनी देखने को मिलेगी, या फ़िर अपने अड़ियल स्वभाव के लिए जाना जाने वाला विभाग कुम्भकर्णीय नींद सोते रहता है।
“अडरापारा में ट्रांसफॉर्मर के लिए कल ही अधिकारियों को बोल दिया गया था। ठीक है आज फ़िर बोलता हूँ!”
खेलसाय सिंह, विधायक, प्रेमनगर-04
“विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों से बात हुआ है। संभवतः आज नया ट्रांसफार्मर लग जाएगा।”
राहुल जायसवाल, भाजयुमो मंडल उपाध्यक्ष, बिश्रामपुर