जयपुर। मरुधरा में मचे सियासी घमासान में एक बार फिर राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलता जा रहा है। सियासी संकट के बीच डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें पीसीसी चीफ के पद से भी हटा दिया गया है। पायलट के साथ ही उनके समर्थक कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। पायलट की जगह शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को पीसीसी का नया चीफ बनाया गया है।
कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार को लगातार दूसरे दिन हुई बैठक में सचिन पायलट उनके समर्थक मंत्रियों तथा विधायकों के नहीं पहुंचने पर पार्टी ने कड़ा कदम उठाया है। पायलट आज भी मांगों पर अड़े रहे थे। ताजा घटनाक्रम के बाद अब बीजेपी पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। बीजेपी ने आगामी रणनीति बनाने के लिए बैठक कर शुरू कर दी है। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर दिल्ली से जयपुर के लिए रवाना हो गये हैं।
फ्लोर टेस्ट की मांग हो सकती है
दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद पीपी चौधरी ने कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस की आपसी लड़ाई में अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में है। फ्लोर टेस्ट की मांग का फैसला पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व लेगी। सचिन पायलट का खेमा भी फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुका है। सचिन पायलट के बीजेपी में आने के सवाल पर कहा कि बीजेपी का दरबार सभी के लिए खुला है। सचिन पायलट अगर पर्याप्त विधायकों के साथ सरकार बनाने की कोशिश करते हैं तो बीजेपी नेतृत्व समर्थन देने पर विचार कर सकती है।