प्राचीन काल में तपस्या और शांति का स्थल चित्रकूट ब्रम्हा, विष्णु, महेश के बाल अवतार का स्थान माना जाता है। वनवास के समय भगवान राम, सीता, लक्ष्मण महर्षि अत्रि तथा सती अनुसूया के अतिथि बनकर यहाँ रहे थे। प्राकृतिक सुषमा के बीच चित्रकूट में पर्यटक मानसिक शांति प्राप्त करते हैं।
रामघाट में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित घाटों की कतारें हैं। कामदगिरि, जानकी कुण्ड, सती अनुसूया, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा, भरत कूप दर्शनीय हैं।
वायु सेवा:- सबसे नजदीकी हवाई अड्डा खजुराहो (175 कि.मी.) हैं। दिल्ली, आगरा और वाराणसी से यहां के लिए विमान सेवाएं उपलब्ध हैं।
रेल सेवा:-सबसे निकटवर्ती रेलवे स्टेशन चित्रकूट धाम (11 कि.मी.) है। यह झांसी-मानिकपुर मुख्य रेल लाइन पर स्थित है।
सड़क मार्ग:- झांसी, महोबा, चित्रकूट धाम, हरपालपुर, सतना और छतरपुर से चित्रकूट के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध हैं।
ठहरने के लिए:- मध्यप्रदेश निगम का बंगला तथा उत्तरप्रदेश पर्यटन निगम का बंगला, साडा के होटल तथा लॉज उपलब्ध हैं।