रायपुर. प्रदेश में शिक्षक और शिक्षाकर्मी शासकीय कर्मचारियों का एक ऐसा समुदाय है. जिसके लिए सबसे अधिक विभागीय आदेश जारी हुए हैं.. और नियमों का इतना अधिक फेरबदल हुआ है कि कई बार इस बात को लेकर भी शिक्षक उलझन में पड़ जाते हैं.. कि कौन सा नियम वर्तमान में विद्यमान है और कौन सा नही.. लेकिन अब 24 घंटे उनके मोबाइल पर ही सारे के सारे आदेश उपलब्ध रहेंगे इसके लिए शिक्षाकर्मियों के संगठन संविलियन अधिकार मंच ने नई पहल करते हुए वेबसाइट का निर्माण किया है. जिसमें सारे सर्कुलर यानी शासकीय निर्देश डाल दिए गए हैं.. साथ ही उन्हें फ्री डाउनलोड करने की भी सुविधा दी गई है. यानी शिक्षक जब चाहें अपनी सुविधानुसार आदेश को डाउनलोड करके उपयोग कर सकते हैं.. और अब उन्हें किसी भी आदेश को अपने मोबाइल में स्टोर रखने की जरूरत नही पड़ेगी.
यही नहीं वेबसाइट को उपयोग करने के लिए बकायदा गूगल प्ले स्टोर में एप्लीकेशन भी तैयार किया गया है.. यानी जिस प्रकार व्हाट्सएप, टेलीग्राम और टिकटॉक जैसे एप्लीकेशन डाउनलोड किए जाते हैं. ठीक उसी प्रकार प्ले स्टोर में जाकर शिक्षक CGSTU टाइप करके इस एप्प को डाउनलोड कर सकते है.. और उसके बाद सारी जानकारी 24 घंटे उनके मोबाइल पर उपलब्ध रहेगी.
यही नहीं शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की समस्याओं को हल करने के लिए वेबसाइट में क्वेश्चन – आंसर का भी सेक्शन बनाया गया है.. जिसमें यदि किसी शिक्षक को किसी नियम-निर्देश को लेकर दुविधा हो तो वह अपने सवाल पूछ सकते हैं और उसके बाद अनुभवी शिक्षक उन्हें उस सवाल का जवाब और समाधान बता देंगे.
अवकाश से लेकर समयमान तक के सारे आदेश है उपलब्ध
संविलियन अधिकार मंच के वेबसाइट www.cgstu.org में imp circulars के अंतर्गत शिक्षाकर्मियों के अब तक जारी हुए संविलियन निर्देश, शासकीय कर्मचारियों के लिए मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल की सूची , संविलियन राजपत्र, गृहभाड़ा भत्ता दर में वृद्धि आदेश, चिकित्सा भत्ता आदेश, विकलांग भत्ता आदेश, विभिन्न प्रकार के अवकाश नियम, गतिरोध भत्ता आदेश, क्रमोन्नति आदेश, निम्न से उच्च पद आदेश, चाइल्ड केयर लीव राजपत्र, अर्जित अवकाश नकदीकरण नियम, पुनरीक्षित वेतन निर्धारण नियम समेत दर्जनों आदेश उपलब्ध है जिन्हें शिक्षक जब चाहे अपनी सुविधानुसार डाउनलोड करके उपयोग कर सकते है.
इस वेबसाइट को तैयार करने वाले संविलियन अधिकार मंच के जिला संयोजक विपिन गहवई का कहना है की आने वाले समय में यह एक और वेबसाइट शिक्षाकर्मी और शिक्षक संवर्ग के लिए नीव का ईंट साबित होगा.