दुर्ग. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने दीगर राज्यों में लॉक डाउन में फंसे मजदूरों को वापस लाने की मांग की है. साथ ही पत्र में सवा लाख मजदूरों के बाहर होने का जिक्र किया गया है. सरकार को सुझाव भी दिया है कि गांव के वर्तमान में बंद स्कूलों को कोरंटाइन केंद्र बनाया जा सकता है.
पत्र :- यह समय छत्तीसगढ़ में सामाजिक गतिविधियों तथा शादी विवाह आदि का भी रहता है. भले ही यह गतिविधियां वर्तमान की विशेष परिस्थिति में सीमित दायरे में हो. साथ ही कुछ ऐसी जानकारियां भी मिली है कि इन प्रवासी मजदूरों में कुछ महिलाएं भी हैं. जिनका प्रसव का समय आ गया है. उन्हें चिकित्सा तथा अन्य सुविधाओं की भी आवश्यकता है.
मेरा यह भी सुझाव है कि अगर इन प्रवासी भाइयों को वापस लाया जाता है. तो उन्हें अपना क्वारंटीन समय अपने गाँव के स्कूल की या अन्य किसी सरकारी ईमारत में गुजारने का इंतज़ाम सरकार द्वारा किया जा सकता. क्योंकि वर्तमान में स्कूली शिक्षा बंद है..और इनके भोजन तथा चिकित्सा सुविधा का लाभ उन्हें वहीं प्रदान किया जा सकता है. इससे सरकार पर अपेक्षाकृत कम भार पड़ेगा तथा यह मज़दूर अपने गाँव तथा अपने लोगों के बीच सुरक्षित भी महसूस करेंगे.
अतः आपसे यह अपेक्षा है कि इस अति महत्वपूर्ण तथा जनभावना से जुड़े विषय पर गंभीरता से विचार करे तथा देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हमारे प्रदेश के मजदूरों को वापस लाने का कार्य शीध प्रारम्भ करें.