अम्बिकापुर. विश्व के सबसे बड़ी रेल यात्रा में सरगुजा साइंस ग्रुप के सदस्य अमित दुबे शामिल होंगे. बलरामपुर जिले के ग्राम पस्ता निवासी अमित दुबे विगत 5 वर्षों से सरगुजा साइंस ग्रुप के साथ जुड़ कर कार्य कर रहे हैं तथा प्रोजेक्ट ईज्जत के को-आॅर्डिनेटर के रूप में कार्यरत हैं. प्रोजेक्ट ईज्जत जिसके तहत अविभाजित सरगुजा जिले के 15000 स्कूली छात्राओं को निःशुल्क सैनेटरी पैड संस्था द्वारा प्रत्येक महिने उपलब्ध कराया जाता है.
आपको बता दें कि भारतीय रेल, कोकाकोला इण्डिया, इनोवेशन वैली सहित विभिन्न कंपनीयों के सहयोग से प्रत्येक वर्ष जागृति संस्थान के द्वारा आयोजित की जाने वाली. विश्व की सबसे बड़ी रेल यात्रा 8000 किमी. की यात्रा के सरगुजा के अमित दुबे साक्षी बनेंगे. यह यात्रा पुरे भारत का भ्रमण करती हैं, जिसमें दिसम्बर को मुम्बई से यह यात्रा शुरू होकर मुम्बई में ही 8 जनवरी को समाप्त होती है. इस यात्रा के तहत बैंग्लोर, कन्याकुमारी, मदुरई, श्रीसीटी, विशाखापट्नम, उड़िसा के गंझाम, नालंदा, देवरिया, उ.प्र., नई दिल्ली, तिलोनिया राजस्थान, साबरमी आश्रम अहमदाबाद सहित विभिन्न स्थलों ले जाया जाता है. जहां पर सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े रोल माॅडलों के द्वारा कई देशों से पहुंच 450 युवाओं को सम्बोधित किया जाता है एवं अपने द्वारा क्षेत्रों में किये गये कार्यों से परिचित कराया जाता है. प्रत्येक स्थल पर कई ऐसे रोल-माॅडल मिलते हैं जो समाज में किसी न किसी परिवर्तन के वाहक हैं और उनके परिवर्तन ने न सिर्फ समाज का भला किया है बल्कि काफी संख्या में लोगों को रोजगार भी दिया है. इस यात्रा के दौरान भारतीय रेल से उपलब्ध ट्रेन में ही कॉन्फ्रेंस हाॅल, मेस की व्यवस्था, लोगों के बीच में गु्रप डिस्कशन सहित विभिन्न आयाम चलाये जाते हैं.
सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा चलाये जा रहे. प्रोजेक्ट ईज्जत ने न सिर्फ 15000 स्कूली लड़कियों तक प्रत्येक महिने निःशुल्क सैनेटरी पैड पहुंचाया है, बल्कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ कर कई महिला स्वयं सहायता समूह सैनेटरी पैड का ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं दूसरी ओर प्रोजेक्ट ईज्जत के माध्यम से स्कूली छात्राओं को सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, कम्प्युटर शिक्षा, डिजिटल एज्युकेशन सहित विभिन्न रोजगार मूलक प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं. यहीं कारण है कि सरगुजा साइंस ग्रुप के सदस्य अमित दुबे का चयन इस यात्रा के लिये हुआ है. संस्था द्वारा संचालित प्रोजेक्ट ईज्जत भी इसी यात्रा की देन है, 2013-14 में आयोजित यात्रा में संस्था के सदस्य अंचल ओझा सम्मिलित हुए थे और फिर उन्होंने इस यात्रा में मिले रोल-माॅडलों से प्रभावित होकर प्रोजेक्ट ईज्जत की शुरूआत की थी.