बस्तर. भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश के दक्षिण दिशा में स्थित जिला. जो ख़ूबसूरत जंगलों और आदिवासी संस्कृति में रंगा ज़िला बस्तर, प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है. बस्तर जिला सरल स्वाभाव जनजातीय समुदाय और प्राकृतिक सम्पदा संपन्न हुए प्राकृतिक सौन्दर्य एवं सुखद वातावरण का भी धनी है. उड़ीसा से शुरू होकर दंतेवाड़ा की भद्रकाली नदी में समाहित होने वाली करीब 240 किलोमीटर लंबी इंद्रावती नदी बस्तर के लोगों के लिए आस्था और भक्ति की प्रतीक है. इंद्रावती नदी के मुहाने पर बसा जगदलपुर एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं हस्तशिल्प केन्द्र है. यहां मौजूद मानव विज्ञान संग्रहालय में बस्तर के आदिवासियों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं मनोरंजन से संबंधित वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं. डांसिंग कैक्टस कला केन्द्र, बस्तर के विख्यात कला संसार की अनुपम भेंट है. बस्तर जिले के लोग दुर्लभ कलाकृति, उदार संस्कृति एवं सहज सरल स्वभाव के धनी हैं. बस्तर जिला घने जंगलों, ऊँची, पहाड़ियों, झरनों, गुफाओ एवं वन्य प्राणियों से भरा हुआ है. बस्तर महल, बस्तर दशहरा ,दलपत सागर, चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर और कैलाश गुफ़ा आदि पर्यटन के मुख्य केंद्र हैं.
- चित्रकोट जलप्रपात
चित्रकोट जलप्रपात भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर ज़िले में इन्द्रावती नदी पर स्थित एक सुंदर जलप्रपात है. इस जल प्रपात की ऊँचाई 90 फीट है. इस जलप्रपात की विशेषता यह है कि वर्षा के दिनों में यह रक्त लालिमा लिए हुए होता है, तो गर्मियों की चाँदनी रात में यह बिल्कुल सफ़ेद दिखाई देता है. जगदलपुर से 40 कि.मी. और रायपुर से 273 कि.मी. की दूरी पर स्थित यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है. यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है. जगदलपुर से समीप होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है. अपने घोडे की नाल समान मुख के कारण इस जाल प्रपात को भारत का निआग्रा भी कहा जाता है. चित्रकूट जलप्रपात बहुत ख़ूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आता है. सधन वृक्षों एवं विंध्य पर्वतमालाओं के मध्य स्थित इस जल प्रपात से गिरने वाली विशाल जलराशि पर्यटकों का मन मोह लेती है.
‘भारतीय नियाग्रा’ के नाम से प्रसिद्ध चित्रकोट प्रपात वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, परंतु वर्षा ऋतु में इसे देखना अधिक रोमांचकारी अनुभव होता है. वर्षा में ऊंचाई से विशाल जलराशि की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा कर देती है. वर्षा ऋतु में इन झरनों की ख़ूबसूरती अत्यधिक बढ़ जाती है. जुलाई-अक्टूबर का समय पर्यटकों के यहाँ आने के लिए उचित है. चित्रकोट जलप्रपात के आसपास घने वन विराजमान हैं, जो कि उसकी प्राकृतिक सौंदर्यता को और बढ़ा देती है. रात में इस जगह को पूरा रोशनी के साथ प्रबुद्ध किया गया है. यहाँ के झरने से गिरते पानी के सौंदर्य को पर्यटक रोशनी के साथ देख सकते हैं. अलग-अलग अवसरों पर इस जलप्रपात से कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएँ गिरती हैं.
- तीरथगढ़ जलप्रपात
तीरथगढ़ के झरने छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में कांगेर घाटी पर स्थित हैं. ये झरने जगदलपुर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में 35 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं. कांगेर घाटी के जादूगर के नाम से मशहूर तीरथगढ़ झरने भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से हैं. छत्तीसगढ़ के सबसे ऊंचे जलप्रपात में इसे गिना जाता है. यहां 300 फुट ऊपर से पानी नीचे गिरता है. कांगेर और उसकी सहायक नदियां ‘मनुगा’ और ‘बहार’ मिलकर इस सुंदर जलप्रपात का निर्माण करती हैं. विशाल जलराशि के साथ इतनी ऊंचाई से भीषण गर्जना के साथ गिरती सफ़ेद रंग की जलधारा यहां आए पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है. तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने का सबसे अच्छा समय वर्षा के मौसम के साथ-साथ अक्टूबर से अप्रैल तक का है.
- तामड़ा घुमर
बस्तर प्रकृति की विशाल सुंदरता के लिए जाना जाता है. मारडूम के पास चित्रकोट के रास्ते पर, एक बारहमासी झरना, तमड़ा घुमर है. यह झरना इंद्रवती नदी से सीधे 100 फीट से गिरकर बहती है. सभी विशाल और अद्भुत झरने के साथ, तमड़ा घुमर चुपचाप घाटियों के बीच अपनी उपस्थिति को चिह्नित करता है. बरसात के मौसम के दौरान, हरियाली और गर्मी के बादल सुंदरता को बढ़ाते हैं. इस क्षेत्र के चारों ओर मोर की उपस्थिति के कारण, यह झरना स्थानीय रूप से मयूर घुमर के रूप में जाना जाता है.
- चित्रधारा जलप्रपात
बस्तर में झरनों की एक श्रृंखला है, उनमें से कई बारहमासी हैं, जबकि कुछ गर्मियों के दौरान पानी से वंचित हैं, लेकिन बारिश और सर्दियों के दौरान उनकी सुंदरता अद्वितीय है. चित्रधारा बाद की श्रेणी में आता है. चित्रधर झरना बस्तर की सुंदरता का एक अद्भुत नमूना है. चित्रकोट झरने के रास्ते पर, एक छोटी सी पहाड़ी के घाटी के माध्यम से एक छोटी नदी बहती है और यह किसानों की सोपानी पात की शुरुआत है. इस कारण से, बारिश के दौरान पानी होता है लेकिन गर्मियों में, इसकी उत्कृष्टता फीकी हो जाती है. झरने के ऊपरी हिस्से में, भक्तों ने एक शिव मंदिर और झरना के आकर्षण को देखने के लिए एक प्रेक्षण स्थान बनाया है. यह झरना 50 फीट की ऊंचाई से गिरता है. अगला मुख्य झरना 100 फीट की ऊंचाई से सोपानी पात में बाईं ओर से नीचे की ओर बहता है और पहाड़ियों की ओर बढ़ता है. एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी प्रसिद्ध, यह झरना पोटानार के गांव के शांत और सुदूर स्थान पर स्थित है. चित्रधारा, तामड़ा घुमर और मेहेंदरी घुमर चित्रकोट झरने के दौरे को और भी सुखद और आनंददायक बनाते हैं.
- मेन्द्री घुमर जलप्रपात
मेन्द्री घुमर जलप्रपात विशाल चित्रकोट झरने के रास्ते पर एक सुंदर मौसमी झरना है. प्रसिद्ध रूप से ‘घाटी की धुंध’ के रूप में जाना जाता है, मेहेंदरी घुमर के पास एक सुंदर घाटी है. यह 125-150 फीट ऊंचाई से गिरने वाली हरी घाटी के बीच चुपचाप अपनी उपस्थिति को चिह्नित करता है. शीर्ष से घने वन क्षेत्र को देखते हुए शांति महसूस कर सकती है. मेन्द्री घुमर जलप्रपात में सुंदर सुंदरता और बूंदा-बांदी इसे देखने के लिए एक आकर्षक अनुभव बनाती है. चित्रधारा, तामड़ा घूमर और मेन्द्री घुमर जलप्रपात चित्राकोट झरने के लिए सर्किट को और भी सुखद और आनंददायक बनाते हैं. चित्रधारा, तमड़ा घुमर और मेहेंदरी घुमर चित्राकोट झरने के लिए सर्किट को और भी सुखद और आनंददायक बनाते हैं.