बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है..और 21दिसम्बर को मतदान होने है..और 24 दिसम्बर को मतगणना होनी है..वही चुनावी माहौल में अब विरोध के स्वर उठने लगे है..यह विरोध के स्वर लोकतंत्र के महापर्व का है..
दरअसल इन दिनों अम्बिकापुर -बनारस रोड पर बसे वाड्रफनगर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 01 का है..जहाँ नगरीय क्षेत्रों में मिलने वाली सुविधाओं का नामोनिशान तक नही है..यहाँ तक कि इस वार्ड के हिस्से में किसी प्रकार का शासकीय भवन तक नही है..और मूलभूत सुविधाओं से मोहताज लोगो ने इस बार नगरीय निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया है..लोगो का मानना है..की उन्हें संख्या बल के आधार पर नगरीय निकाय क्षेत्र में शामिल किया गया है..और वे नगरीय निकाय क्षेत्र से निकलकर ग्रामीण क्षेत्र में शामिल होना चाहते है..
बता दे की वर्ष 2003 में कस्बाई क्षेत्र वाड्रफनगर को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था..और उस दौरान जनसंख्या के अभाव में आसपास के ग्रामीण अंचलों को नगरीय क्षेत्र में शामिल किया गया था..लेकिन जिस तरह से विकास ग्रामीण क्षेत्रो में होती ..उस गति से निकाय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक एक मे नही हो पाया..यही नही लोगो को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए भी जंगल के रास्ते 6 किलोमीटर की दूरी तय कर वाड्रफनगर जाना पड़ता है..इसकी मुख्य वजह यह है कि वार्ड क्रमांक 1 में मतदान केंद्र बनाने एक आंगनबाड़ी केंद्र का भवन तक नही है..जिससे यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है..की 15 वर्षो में वार्ड क्रमांक 1 में किस तरह का विकास हुआ ..
वही जिले के आलाधिकारी भी यह मानते है..की निकाय क्षेत्र से बेहतर तो वार्ड क्रमांक एक का विकास ग्राम पंचायत में ही रहने से हो सकता था..
बहरहाल प्रदेश में विकास का दम भरने वाली सरकार को निकाय क्षेत्र का यह वार्ड ठेंगा दिखा रहा है..और लोगो का मोह चुनाव से भंग हो गया है..ऐसे में प्रदेश सरकार को ऐसे क्षेत्रों में वोंट के अलावा विकास के बारे में भी सोचना चाहिए!..