बेंगलुरु
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने विजय माल्या के नेतृत्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों पर अपना पहला दावा जताते हुए कहा है कि किसी भी दूसरे के बकाए के निपटान से पहले एयरलाइन कंपनी हमारे बकाए का भुगतान करे।
डिपार्टमेंट ने यह दावा ऐसे समय में किया है जब किंगफिशर को कर्ज देने वाले बैंकों के ग्रुप ने अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए मुंबई स्थित ‘किंगफिशर हाउस’ पर अपना दावा किया है। डिपार्टमेंट ने कहा है कि किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड ने पिछले कई सालों के दौरान कर्मचारियों के वेतन और दूसरे भुगतानों में कटौती की है लेकिन 350 करोड़ रुपए की इस राशि को सरकारी खाते में जमा कराने में वह नाकाम रही है।
डिपार्टमेंट ने किंगफिशर एयरलाइंस की तमाम परिसंपत्तियों को कुर्क किया है। डिपार्टमेंट इस डिफॉल्टर कंपनी की संपत्तियों और आस्तियों की बिक्री से अपने बकाए की वसूली करने की प्रक्रिया में है। डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा है, ‘मुंबई एयरपोर्ट के घरेलू टर्मिनल के नजदीक स्थित किंगफिशर हाउस इनकम टैक्स अधिनियम 1961 की दूसरी अनुसूची के तहत पहले से ही कुर्क संपत्ति है।’