कोरबा
कभी खेल के मैदान में दूसरी टीम को बैकफुट पर जाने को मजबूर करने वाली कोरबा की एक नेशनल खिलाडी आज बीमारी की कारण खुद ही बैकफुट पर हैं । गरीबी के कारण महंगे ईलाज के लिये परिवार को दर-दर भटकना पड रहा हैं । खेल के प्रति सर्मापित खिलाडी के परिवार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो अपनी बीमारी का खर्च उठा सके । रोजी मजदूरी करने वाले परिवार की लाडली । जूडो और म्यो थाई बाक्सिंग में कोरबा और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन कर चुकी हैं । स्वस्थय होकर पढ़ाई के साथ-साथ आगे खेलने कि चाहत रखती हैं..अपने जिंदगी के लिये राजेश्वरी ने मदद की गुहार लगाई हैं ।
कोरबा के निजी अस्पताल के बिस्तर में उपचार करा रही नेशनल खिलाडी राजेश्वरी लहरे हैं । दअसरल कुसमुंडा निवासी तुलाराम लहरे की बेटी 11 कक्षा की छात्रा राजेश्वरी लहरे पिछले कुछ महिनो से बीमार हैं । दमा बीमारी से ग्रसित राजेश्वरी के फेफडे में इंफेक्शन हो गया है । आज के महंगाई के दौर में रोजी मजदूरी करने वाले उसके पिता तुलाराम के पास इतने पैसे नहीं हैं कि अपनी बेटी का पूरा ईलाज करा सके । जो कुछ जमा पुंजी थी वो इलाज में लगा चुके हैं। इधर राजेश्वरी के हौसले इतने बुलंद हैं कि बीमारी से ठीक हो कर फिर से खेलना और आगे पढ़ना चाहती हैं । लेकिन परिवार की मौजूदा हालात उसके इलाज और पढ़ाई के बीच दीवार बन रहे हैं । राजेश्वरी बीमारी के इलाज के लिये प्रशासन और शासन से गुहार लगा रही हैं ।
राजेश्वरी का पुरा परिवार ं अपनी बेटी के बीमारी को लेकर चिंतित हैं । इधर उसकी मां प्रेम बाई ने भी शासन-प्रशासन से मदद करने की अपील की हैं । जिला खेल अधिकारी रामक्पाल साहू ने खेल विभाग से राजेश्वरी के इलाज के लिये मदद करने की बात कह रहे हैं..
कहते हैं मारने वाले से बचाने वाला बडा होता हैं ठीक इसी बात को सही साबित करते हुये न्यू कोरबा हास्पिटल के डॉक्टरों राजेश्वरी के जीवन की रक्षा करते हुये उसके परिवार वालो की माली हालत को देखते हुये महंगे इलाज को रियायत दर पर इलाज कर रहे हैं । डॉ. आशिष अग्रवाल राजेश्वरी के इलाज के लिए सरकार और समाज सेवी संगठनो से अपील की है
राजेश्वरी ने खेल के मैदान में कोरबा और छत्तीसगढ़ का नाम जूडो और म्यो थाई बाक्सिंग में दो बार गोल्ड मैडल लाकर रौशन कर चुकी हैं । लेकिन बीमारी ने उसे ऐसा जकडा की उससे उभर पाने में परिवार की लाचारी सक्षम नजर नही हैं । अब देखना होगा की शासन, प्रशासन और खेल विभाग इस होन्हार खिलाडी के जीवन की रक्षा करने में कितने मददगार साबित होते हैं..