अम्बिकापुर देश से स्वच्छतम शहरो मे शुमार जिला मुख्यालय अम्बिकापुर का अंतराज्यीय बस अड्डा अपनी बदहाली के लिए बदनाम हो गया है.. लोग बस मे यात्रा करने मजबूरी मे यहां पहुंचते है. तो यहां रोजाना आने वाले लोग किसी अज्ञात हादसे के कारण दहशत के साए मे रहते हैं.. ऐसा इसलिए क्योकि निगम प्रबंधन की बेरुखी के काऱण खूबसूरत बस अड्डे की सडक .. अनगिनत गड्ढो मे तब्दील हो गई है.. और ऐसे जिम्मेदारों की दलीले आप को हैरान कर सकती हैं..
एक दो तीन चार पांच करके शायद आप अम्बिकापुर के अंतराज्यीय बस अड्डो के गढ्ढो को नही गिन पाएगें.. निगम प्रबंधन की अनदेखी और सत्ता के नशे मे चूर सत्तासीनो की उदासीनता की वजह से अम्बिकापुर बस स्टैंड की.. वो सडक बडे बडे गड्ढो मे तब्दील हो गई हैं.. जहां से प्रतिदिन 100 से अधिक बसो का संचालन होता है.. और सैकडो यात्री यात्रा करने के लिए यहां पंहुचते है.. आलम ये है कि यहां आने वाले लोग अगर बिना गिरे बस स्टैंड से वापस चले जाए . तो बहुत बडा आश्चर्य होगा.. यहां पर फटाफट न्यूज की टीम ने अंकित नाम के युवक से बातचीत की . तो उन्होने बताया कि उन्हे यहां रोजाना आना पडता है. कभी वो बस स्टैंड के सडको पर गिर जाते हैं. कभी किसी और को गिरते हुए देखते हैं.. वही सुशील ध्रुव नाम के एक बस ऐजेंट से बात करने मे उन्होने बताया कि गड्ढों की वजह से बस स्टैंड की स्थिती बहुत खराब हो गई है. यात्री स्टैंड के बाहर ही बस बाहर आने का इंतजार करते हैं. इतना ही नही सुशील ने इस स्थिती के लिए सीधे तौर पर निगम प्रबंधन को जवादेह बताया और कहां कि निगम के लोग चाहते तो बस स्टैंड का इतना बुरा हाल नहीं होता..
यहां आने जाने वाले यात्रियो को बस स्टैंड के इन गड्ढो के गंदे पानी से पैदल गुजरना पडता है. तो दूसरी तरफ दो पहिया वाहन चालकों के लिए तो ये बस स्टैंड यमलोक जाने वाले रास्ते से कम नहीं है. लिहाजा लोगो को हो रही परेशानी और जानलेवा हो चुकी बस स्टैंड की सडको के सवाल के साथ जब हम अम्बिकापुर के डिप्टी मेयर के पास पहुंचे. तो उन्होने बडी चतुराई से अपने आप को और सरकार को बचाने का प्रयास किया. डिप्टी मेयर अजय अग्रवाल के मुताबिक जहां पर प्रतिक्षा बस स्टैंड का निर्माण हुआ है. वहां पहले दलदल था. इसलिए सडक के डामरीकरण के बाद भी सडक बैठ जा रही हैं.
इधर श्री अग्रवाल से बात करने पर पता चला कि निगम की बदहाल सडको और अन्य कार्यो के लिए पिछली सरकार मे 1 करोड 80 लाख रूपए मंजूर किए थे.. लेकिन सत्तासीनो के मुताबिक चुनाव आचार संहिता के कारण टेंडर नहीं हो पाया था. इसलिए सडके खराब हो गई हैं.. हालाकि बद से बदतर हो चुकी सडक के मरमम्त मे अगर निगम प्रबंधन टेंडर होने का इंतजार करेगी.. तो फिर वो समय दूर नहीं कि बस स्टैंड विरान हो जाए.. और मजबूरी मे भी लोग यहां आने से बचने लगे…